कानपुर में बुआ ने मासूम की हत्या की
कानपुर में बुआ ने मासूम की हत्या की
कानपुर के बिल्हौर कोतवाली में पुलिस ने 5 महीने के बच्चे की हत्या की वारदात का खुलासा कर दिया। हत्या की वारदात को बच्चे की बुआ ने अंजाम दिया था। अपने पति को हत्या के आरोप में फंसाने के लिए उसने बच्चे को नदी में फेंक दिया था। उसके बाद पति द्वारा बच्चे को उठाकर ले जाने की झूठी कहानी रची दी। पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
बहनोई को बनाया था आरोपी
आपको बता दें कि बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के लालू पुरवा गांव की यह घटना है। गांव में में रहने वाले रिंकू निषाद का 5 महीने का बेटा 14 नवम्बर गायब हो गया था। रात को चारपाई पर सो रहा था। बच्चा गायब होने पर परिवार में अफरा-तफरी मच गई। रिंकू ने उन्नाव के बांगरमऊ में रहने वाले अपने बहनोई देशराज पर बच्चे को अगवा करने का आरोप लगाया था।
गांव से 50 मीटर की दूरी पर मिला था बच्चें का शव
पुलिस ने शिकायत पर रिंकू के बहनोई देशराज पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। रिंकू की बहन सीता का उसके पति देशराज से विवाद चल रहा था। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद छानबीन शुरू की।
इसी दौरान बीते शुक्रवार की दोपहर गांव से करीब 50 मीटर की दूरी पर ईशान नदी में बच्चे का शव उतराता हुआ मिला। परिजनों ने बच्चे की हत्या किए जाने का आरोप देशराज पर लगाया। आरोप के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपी देशराज को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
जांच में हत्या आरोपी निकली बुआ
पुलिस की जांच में देशराज की संलिप्तता नहीं पाएगी। जिसके बाद पुलिस ने घर में मौजूद लोगों से ही पूछताछ करना शुरू किया। शक होने पर पुलिस ने सीता को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर सीता टूट गई और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
सीता ने पुलिस को बताया कि उसका पति देशराज विवाद चल रहा था। वह अपने भाई रिंकू के साथ मायके में रह रही थी। अपने पति को फंसाने के लिए उसने बच्चे को जिंदा नदी में फेंक दिया। जिसके बाद उसने पति द्वारा भतीजे का अपहरण कर ले जाने की झूठी कहानी रची थी।
सख्ती से पूछताछ के बाद हत्यारोपी बुआ ने कबूला गुनाह
एसीपी बिल्हौर आलोक सिंह ने बताया कि जब सीता पर सख्ती की गई तो वह टूट गई। आरोपी बनाये गये उसके पति को बारे में तहकीकात में कुछ भी सामने नहीं आया। जांच होने पर घटना के वक्त से पहले और बाद में उसकी लोकेशन घटनास्थल के आसपास नहीं पाएगी। साक्ष और सीता के गुनाह कबूल लेने के बाद उसे जेल भेज दिया गया।