प्रयागराज के इस महंत को थी शराब की लत, की आत्महत्या
प्रयागराज के दारागंज स्थित पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आश्रम में महंत आशीष गिरी ने आत्महत्या कर ली है। रविवार दोपहर उन्होंने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलते ही एसपी सिटी, डीआईजी समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए। पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर अंत्य परीक्षण को भेज दिया है। उनकी आत्महत्या की खबर से ईलाके में हड़कंप मच गया है।
रविवार सुबह निरंजिनि अखाड़े से गोली की आवाज सुनकर अखाड़े के अन्य साधु-महंत मौके पर पहुंचे तो आशीष को खून से लथपथ पड़े देखा। उनके हाथ में उनकी लाइसेंसी पिस्टल भी थी। उन्होंने माथे के पास गोली मारकर आत्महत्या की। जानकारी के अनुसार महंत आशीष गिरी पिछले काफी दिनों से बीमार थे। बीमारी से तंग आकर रविवार की सुबह करीब नौ बजे लाइसेंसी पिस्टल से आशीष गिरि ने खुद को गोली मार ली। शराब की लत की वजह से आशीष गिरि का लिवर खराब हो गया था। पुलिस ने इसकी पुष्टि मौके पर मिली मेडिकल रिपोर्ट से की है।
गौरतलब है कि अखाड़े में करीब 40 वर्षीय साधु आशीष गिरि वर्षों रहते थे। उत्तराखंड के मूल निवासी आशीष इस अखाड़े के बाशिंदे बन गए थे। लेकिन उन्हें शराब की लत थी। एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने भी बताया कि आशीष शराब के लती थे। इसके साथ ही वह कई दिनों से परेशान थे। उनका परिवार नहीं था। ऐसे में बीमारी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।