राजस्थान कांग्रेस के 92 विधायकों ने दिया इस्तीफा , जानिए इसपर क्या बोले गहलोत….
अशोक गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को फोन पर बता दिया है कि हालात मेरे वश में नहीं हैं। विधायक नहीं मान रहे हैं
राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी मे सबकुछ ठीक से चल रहा था। कुछ टकराव और आपसी मतभेद थे, लेकिन सरकार स्थिर थी। अब नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मतभेद बाहर आ गए। सरकार की स्थिरता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। फिलहाल इस पर हाईकमान ने सख्त नाराजगी जताई है। पार्टी ने ऊपरी तौर पर तय कर लिया था कि मौजूदा सीएम अशोक गहलोत के पार्टी अध्यक्ष बनने की स्थिति में ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के तहत उनको सीएम का पद छोड़ देना चाहिए। उनकी जगह युवा नेता सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया जाए।
इस पर सहमति जताने के बजाए राज्य में आपसी खींचतान शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि गहलोत समर्थक विधायक सचिन पायलट के नेतृत्व में काम करने से सख्त इनकार कर दिए हैं। पार्टी के 92 विधायकों ने सामूहिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इस बीच अशोक गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल को फोन पर बता दिया है कि हालात मेरे वश में नहीं हैं। विधायक नहीं मान रहे हैं।
रविवार को जब विधायक दल की बैठक हुई तो उसमें गहलोत गुट के समर्थक नहीं पहुंचे। इसकी वजह से बैठक रोक दी गई। देर रात 82 विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पहुंचे और अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि मंत्री प्रताप सिंह का कहना है कि इस्तीफे पर हस्ताक्षर करने वाले 92 विधायक हैं।
देर रात, पार्टी पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने गहलोत समर्थक विधायकों से एक-एक कर मिलने की कोशिश की। इस दौरान संयम लोढ़ा, मंत्री शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास और महेश जोशी ने मुलाकात की, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। विधायकों ने कहा कि उन्होंने तीन शर्ते रखी हैं।
पहला यह कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने तक विधायक दल की बैठक न हो। दूसरा यह कि नए सीएम के चुनाव में गहलोत की बात सुनी जाए और तीसरा यह कि सीएम वह बने जो 2020 में पायलट समर्थकों द्वारा विद्रोह के दौरान गहलोत के साथ खड़ा रहा।
उधर, राजस्थान में जारी सियासी उठापटक पर भाजपा ने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की फोटो शेयर कर कांग्रेस की चुटकी ली। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि कांग्रेस पार्टी को पहले अपने आंतरिक विद्रोह को सुलझाने पर ध्यान दे उसके बाद भारत को जोड़े।