क्या आपका बच्चा भी पीयर प्रेशर से परेशान होता नजर आ रहा है?
बच्चा कुछ शांत सा है, या एकदम से ही आपको ये बोलना चालू करदे कि उसने किया था इसलिए मैंने भी ऐसा ही किया या माँ, ये कूल है, सब करते हैं,
क्या आपका बच्चा भी पीयर प्रेशर से सहमत हुआ नजर आ रहा है?
अगर बच्चा कुछ शांत सा है, या एकदम से ही आपको ये बोलना चालू करदे कि उसने किया था इसलिए मैंने भी ऐसा ही किया या माँ, ये कूल है, सब करते हैं, ऐसा कहने लगे तो सावधान हो जाएं. यह है साथियों के प्रभाव का असर जिसको पीयर प्रेशर कहा जाता है।
पीयर प्रेशर यानी कि संगत के प्रभाव या दबाव.कई बार बच्चे अपने साथियों की तरह दिखने या कूल बनने के लिए जाने-अंजाने में दूसरों की देखादेखी करने लगते हैं.कई बातो पर कोई कोई माता-पिता भी बच्चों की तुलना दूसरो से करने लगते है. स्कूल में एग्जाम में अच्छे नंबर लाने के लिए भी वह होशियार बच्चो से तुलना कर बैठते हैं। कई बार बच्चे इस बात से भी प्रभावित हो जाते हैं कि हर कोई ऐसा कर रहा है तो हमें भी करना चाहिए. ऐसे में बच्चे चीजों या लोगों से प्रभावित होकर फैसला लेना लगते हैं जो कई बार नकारात्मक या सकारात्मक प्रभाव दोनों पैदा कर सकता है. आजकल कई बचे सोशल मीडिया या कुछ पिक्चरों से भी प्रभावित हो जाते है और वैसा करने लग जाते है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आप आपके बच्चे को इस पीड़ा से निकाल सकते है।
इंटरनेट पर समय कम लगवाए
बच्चो को इंटरनेट ओर टीवी का उपयोग करने के लिए कम से कम समय दे । एक टाइम लिमिट बना दें. बच्चों को क्रिएटिव कामों में ज्यादा बिजी करें। उन्हे परिवार, स्कूल का काम करने की आदत डालें।
छिपी नजरो से बच्चो पर ध्यान रखे
आजकल के समय में सोशल मीडिया इंटरनेट के टाइम पर इतने चीज है जिससे बच्चा प्रभावित हो जाता है तो आप ऐसे में उसपर नजर रखे की वह क्या गेम्स खेल रहा है,क्या डाउनलोड कर रहा है, कोई लड़ाई झगडे वाली वीडियो ज्यादा तो नहीं देखता इन सब पर छिपके से नजर रखे। ब्राउजिंग हिस्ट्री द्वारा देखे वह क्या क्या सर्च करता है। उसके व्हट्सएप, फेसबुक और फ्रेंड लिस्ट पर भी नजर रखें. अगर आप उसके दोस्तों से भी थोड़ा संपर्क रख सकें तो बेहतर रहेगा।
दोस्त बनकर बच्चे से पेशाए
टीवी देखते समय उनसे पारिवारिक मूल्यों के बारे में भी बताएं और उन्हें ऐसा एहसास कराएं कि आप उनके दोस्त से कम नहीं और वो आपसे कोई भी सुख–दुख की बात बिना किसी हिचकिचाहट से करे। जब बच्चा आपसे कुछ शेयर करें तो उसकी जज करने के बजाए उसकी बात को ध्यान से सुनें और दोस्ताना तरीके से उसे समझाएं.
सही गलत की समझ बताए
बच्चे ज्यादातर सिगरेट,शराब,ड्रग्स जैसी चीजों को कुल मानलेते है और इनका सेवन करना शुरू कर देते है जिससे उन्हें उसकी लत लग जाति है। इसके लिए उन्हें सही गलत की समझ बताए।
बाय:– पार्थ सेठ