2024 के लिए अखिलेश यादव से बनाई रणनीति, जानिए पूरी प्लानिंग
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी सपा के तेवर बदल गए हैं। पार्टी जल्द ही नई रणनीति के साथ नए तेवर में नजर आएगी। इस क्रम में पार्टी
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी सपा के तेवर बदल गए हैं। पार्टी जल्द ही नई रणनीति के साथ नए तेवर में नजर आएगी। इस क्रम में पार्टी सक्रिय सदस्यों को बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान के वक्त की सतर्कता की बारीकियां समझाएगी। विभिन्न चुनावों में सामने आई खामियों का तोड़ भी ढूंढा जा रहा है। इसके लिए वरिष्ठों को जिम्मेदारी दी गई है।
हर जाति में पैठ बढ़ाने की रणनीति
पार्टी पहले तीन साल के लिए सदस्य बनाती थी, लेकिन वर्ष 2017 से पांच साल के लिए सदस्य बनाए जा रहे हैं। ऐसे में रणनीतिकारों का मानना है कि बूथ स्तर पर हर जाति को जोड़ना जरूरी है। हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 350 से 400 बूथ हैं। हर बूथ पर कम से कम दो सक्रिय सदस्य बनाए जा रहे हैं। एक सक्रिय सदस्य को 50 सामान्य सदस्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। सदस्य बनाते समय जातियों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश हैं। यादव, मुस्लिम के साथ संबंधित बूथ की अन्य जातियों को सदस्य बनाना अनिवार्य किया गया है। इसके जरिए दूसरी जातियों में पैठ बढ़ाने की रणनीति है।
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सक्रिय सदस्यों को समझाएंगे बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान तक की बारीकियां
सदस्यता अभियान के बाद सक्रिय सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें शिक्षित युवाओं को तरजीह दी जाएगी। उन्हें संबंधित क्षेत्र की समस्या उठाने, पार्टी की विचारधारा, बूथ प्रबंधन, चुनाव के दौरान मतदाताओं को बूथ तक लाने, पूर्व के चुनाव में बूथ स्तर पर आई समस्याओं और उनके समाधान के बारे में समझाया जाएगा। पार्टी की कोशिश है कि हर बूथ पर कम से कम दो व्यक्ति पूरी तरह से प्रशिक्षित हों, जो स्थानीय लोगों को साथ लेकर पार्टी का झंडा बुलंद कर सकें।