नीतीश कुमार के अलग होते ही, अमित शाह ने ले ली मिशन बिहार की जिम्मेदारी
बिहार में सियासी घमासान जारी है, इस बीच बीजेपी अपने सियासी आधार को मजबूत करने में जुट गयी है
नीतीश कुमार के अलग होते ही, अमित शाह ने ले ली मिशन बिहार की जिम्मेदारी
नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद अब बीजेपी खुल के मैदान में उतरने की तैयारी में लग गयी हैं, केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह अगले महीने बिहार के सीमांचल दौरे पर पहुँच रहे हैं, जिसे महागठबंधन का मजबूत गढ़ माना जाता है |
बिहार में सियासी घमासान जारी है, इस बीच बीजेपी अपने सियासी आधार को मजबूत करने में जुट गयी है, 2024 के चुनाव में भले ही अभी वक़्त बाकी हो लेकिन नीतीश कुमार के पाला बदलने के साथ ही बीजेपी ने 40 सीटो में से 35 प्लस जीतने का टार्गेट तय कर रखा है, बीजेपी के इस लक्ष्य को पूरा करने का जिम्मा अमित शाह ने अपने कंधों पर ले लिया है |
नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होनें के बाद, केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह पहली बार अगले महीने दो दिन के लिए बिहार दौरे पर जाएंगे.शाह 23 सितंबर को पुर्णिया और 24 सितंबर को किशनगंज रैली करेंगे, अमित शाह बिहार के मुख्य रूप से उन इलाकों का दौरा कर रहे है, जिसे आरजेडी के यादव- मुस्लिम समीकरण और महागठबंधन के गढ़ के रूप में देखा जाता है |
बीजेपी ने शुरू से ही सीमांचल को अपने टार्गेट पर इसलिए रखा है, क्योंकि यह इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है, सीमांचल में 40 से 70 फीसदी आबादी अल्पसंख्यकों की है. खासकर इस इलाके में बांग्लादेश घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा हैं. ऐसे में अमित शाह अपने सीमांचल दौरे पर इस मुद्दे को उठा सकते हैं |