SC ने खारिज की जनहित याचिका, अब गुजरात के जामनगर में बनेगा ‘चिड़ियाघर’
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी (GZRRC) के द्वारा गुजरात के जामनगर जिले में चिड़ियाघर बनाया जा रहा है, इसके कई पहलुओं पर सवाल उठाते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर सोसाइटी (GZRRC) के द्वारा गुजरात के जामनगर जिले में चिड़ियाघर बनाया जा रहा है, इसके कई पहलुओं पर सवाल उठाते हुए जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है, बता दें कि ये रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के द्वारा समर्थित है।
चिड़ियाघर को दी गई थी चुनौती:
जामनगर में बनाए जा रहे चिड़ियाघर पर दायर जनहित याचिका में GZRRC भारत और विदेश से ला रही जानवरों के अधिग्रहण पर प्रधिबंध करने की मांग की गई थी और साथ ही जीजेडआरआरसी के मैनेजमेंट पर भी सवाल उठाते हुए इसपर एसआईटी (SIT) बैठाने की मांग की गई। याचिका में क्षमता और अनुभव पर भी सवाल उठाए गए थे, इस पूरे मामले पर GZRRC ने पूरी विस्तृत जानकारी दी थी, जिसे कोर्ट ने 16 अगस्त 2022 को मामले की सुनवाई की और इस याचिका को खारिज कर दिया था।
GZRRC के जवाब पर SC हुआ संतुष्ट:
सुप्रीम कोर्ट ने GZRRC के द्वारा दायर याचिका पर दी प्रतिक्रिया को देखते हुए वह इस बात से संतुष्ट है कि GZRRC के द्वारा संचालन और जानवरों के हस्तांरण पर और इसकी गतिविधियों ने कानून के सभी मानकों पर खरा उतरा है। SC ने GZRRC के बुनियादी ढांचे, कामकाज, पशु चिकित्सक, क्यूरेटर, जीवविज्ञानी, प्राणी विज्ञानी और इससे जुड़े अन्य विशेषज्ञों के बारे में प्रस्तुतियां भी नोट कीं, और ये संगठन कानून के संदर्भ में अपनी गतिविधियों को सख्ती से अंजाम दे रहा है।
SC ने लगाई फटकार, कहा– याचिकाकर्ता ने नहीं की रिसर्च:
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने पूरी रिसर्च नहीं की थी, SC ने फटकार लगाते हुए कहा कि वह खुद ही इस विषय का एक्सपर्ट नहीं है, उन्होंने सिर्फ न्यूज़ रिपोर्ट के आधार पर याचिका दायर की है। सारे तथ्यों को देखने के बाद लगता है कि इसमें किसी भी प्रकार का गैर-कानूनी काम नहीं किया है। इस याचिका को खारिज किया जाता है। साथ ही SC यह भी नोटिस किया कि GZRRC एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य है जानवरों का कल्याण करना।