Krishna Janmashtami 2022: जन्माष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, ऐसा करने से नाराज होते हैं भगवान कृष्ण
News Nasha
जन्माष्टमी का पर्व 18 और 19 अगस्त दोनों ही दिन मनाया जा रहा है। लोग पंचाग के हिसाब से किसी एक दिन भगवान कृष्ण के लिए व्रत रखेंगे। हालांकि हर भक्त यही चाहता है कि उसके व्रत और पूजा में किसी तरह की कोई कमी न रहें, इसके लिए पहले से ही तैयारी में लग जाता है। जबकि कई बार भूलवश या जानकारी न होने के अभाव में कुछ गलतियां हो जाती हैं। जाने-अनजाने में हुई, इन गलतियों की वजह से भगवान कान्हा नाराज हो जाते हैं और उनका आशीर्वाद नहीं मिलता है।
आइए जानते हैं कि जन्माष्टमी पर कौन सी गलतियों को करने से बचना चाहिए।
काले रंग की सामग्री:
काले रंग को आमतौर पर अंधकार और अशुभ चीजों का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन काले रंग की कोई सामग्री भगवान को अर्पित न करें और पूजा के समय भी काले रंग के वस्त्र धारण न करें।
श्रीकृष्ण की पीठ:
ज्योतिष के अनुसार अगर आप मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने जा रहे हैं, तो भूलकर भी उनके पीठ की तरफ से दर्शन न करें। भगवान की प्रतिमा के सामने ही उनके दर्शन करने चाहिए। ऐसा न करने से पुण्य का फल नहीं मिलता है। मान्यता है कि कान्हा के पीठ में अधर्म का वास होता है।
लहसुन प्याज:
जन्माष्टमी के दिन सात्विक भोजन करें। इस दिन लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखने जा रहे हैं तो जल और फल के साथ रख सकते हैं।
चावल:
जन्माष्टमी के दिन चावन से परहेज करना चाहिए. सनातन धर्म में जन्माष्टमी पर चावल या जौ से बनी वस्तुओं को खाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से व्रत या पूजा करने के बावजूद जन्माष्टमी का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
तुलसी के पत्ते:
तुलसी के पत्ते लोग कई तरह के चीजों में इस्तेमाल करते हैं. लोग बीमारी से बचने के लिए तुलसी के पत्तों का काढ़ा और चाय बनाते हैं। हालांकि जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्तों को तोड़ने से बचना चाहिए। श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और विष्णु के विग्रह रूप शालीग्राम और तुलसी का विवाह कराया जाता है।
ये भी पढ़ें- धनबाद में जोरदार आवाज के साथ हुआ धंसा जमीन का बड़ा हिस्सा, इलाके में हाहाकार का माहौल