औरंगाबाद में एक ऐसा भी स्कूल है जहाँ 1992 से नही होती है पढ़ाई इसके बाद भी जिला पदाधिकारी ने प्रधानाध्यापिका को किया सम्मानित

जब इसकी पड़ताल करने मीडिया की टीम जब संस्कृत उच्च विद्यालय दाउदनगर पहुँची तो आखिर कर कोरा झूठा सामने आ ही गया।

studies are not done since 1992 :-आपको बता दु की औरंगाबाद के योजना भवन के सभा ग़ार में स्वच्छता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिस में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित रहे. और चयनित लोग को सम्मानित किया गया लेकिन हद तो तब होगया जब सम्मान समारोह में 14वे  नंबर पर दाउदनगर शहर के लखन मोड़ स्थित संस्कृत उच्च विद्यालय के अध्यापिका को भी सम्मानित किया गया.उन्हें स्वच्छता के नाम पर पृस्कृत किया गया.

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जब इसकी पड़ताल करने मीडिया की टीम जब संस्कृत उच्च विद्यालय दाउदनगर पहुँची तो आखिर कर कोरा झूठा सामने आ ही गया। कब तक जिला प्रसासन यह मिचौनी की खेल खेलती रहेगी और बिहार सरकार तथा बिहार की जनता को मूर्ख बनाती रहेगी जब इस बिन्दु पर विद्यालय में कर्यरत शिक्षक से जब बात की गई तो बताया की 1992 के बाद से आज तक इस स्कूल में पढ़ाई नही होती बस कागज के पन्नो पर ही यह स्कूल चल रही है और जिला पदाधिकारी के द्वारा स्कूल के प्रधानाध्यापिका को समय समय पर सम्मानित किया गया है। आखिर इस तरह के कार्य को देख कर आप खुद ही समझ सकते है।की जिला प्रसासन की कितनी चौपट बेवस्था है।

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