कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड का बड़ा खुलासा, उन्नाव से जुड़ा सच जान जानकर रह जाएंगे दंग
कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी ने 50 घंटे से अधिक रिमांड अवधि के दौरान कई राज उगले। हयात जफर हाशमी के साथ साजिश में शामिल उसके साथी जावेद अहमद, सूफियान और राहिल को पुलिस ने जेल भेजा था।
कानपुर हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी ने 50 घंटे से अधिक रिमांड अवधि के दौरान कई राज उगले। हयात जफर हाशमी के साथ साजिश में शामिल उसके साथी जावेद अहमद, सूफियान और राहिल को पुलिस ने जेल भेजा था। 11 जून को इन चारों को पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिया था। एसआईटी के अलावा एटीएस और आईबी की टीम ने भी उनसे पूछताछ की। इस दौरान फंडिंग से संबंधित कुछ अहम जानकारी पुलिस के हाथ लगी है। उसी के जरिये हाजी वसी का नाम सामने आया। उसके खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो गई। हाजी वसी समेत तीन की इमारतों को रविवार को केडीए ने सील किया था। बेकनगंज की सील की गई इमारत में उपद्रवियों के इकट्ठा होने और यहां से पथराव करने के साक्ष्य भी सामने आए थे।
उन्नाव को लेकर कई बड़ें खुलासे
हैरान कर देने वाली बात ये है कि हयात एंड कंपनी से पूछताछ में ये पता चला है कि बाजार बंदी में शामिल होने के लिए उन्नाव से भी लोग शामिल हुए थे। कइयों के नाम भी पुलिस के हाथ लगे हैं। मोबाइल नंबर की सीडीआर और लोकेशन की मदद से एसआईटी पुष्टि कर रही है।सूत्रों की मानें तो हयात ने पुलिस को बताया है कि चमनगंज व बेकनगंज इलाके के कई बिरयानी दुकानदार उसके करीबी हैं। जो बड़े पैमाने पर उसको व उसकी संस्था को फंडिंग करते थे। इसमें से एक का नाम शत्रु संपत्ति के मामले में आ चुका है।
फंडिंग करने वाला बिल्डर की चार और इमारतों को सील
नई सड़क पर हुए बवाल के मामले में पुलिस ने दावा किया है कि मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को मुख्य रूप से फंडिंग करने वाला बिल्डर हाजी वसी ही है। रविवार को केडीए ने हाजी वसी की जाजमऊ स्थित इमारत सील की थी। सोमवार को चमनगंज में स्थित उसकी चार और इमारतों को सील कर दिया।