आरबीआई के रेपा रेट बढ़ाने से जनता को झटका, जानें इसके बारें में
देश में हर चीज के भाव बढ़ रहे है चाहे वो आपके किचेन में रखा हुआ नींबू हो या फिर किसी बड़े शोरूम मे रखी हुई गाड़ी, हर चीज़ के दाम बढ़ गए है,
देश में हर चीज के भाव बढ़ रहे है चाहे वो आपके किचेन में रखा हुआ नींबू हो या फिर किसी बड़े शोरूम मे रखी हुई गाड़ी, हर चीज़ के दाम बढ़ गए है, महंगाई आम आदमी का पिछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहीं है , वहीं एक और झटका जनता को लगा है जब rbi ने अपने रेपो रेट में .50% बढ़ा दिया है उसी के साथ साथ emi और लोन भी महंगे कर दिए है, अब रेपो रेट 4.90% फीसदी हो गई है, वहीं स्थाय जमा सुविधा यानी SDF दर को 4.15% से बढ़कर 4.65% कर दिया है और marginal standing facility rate aur bank rate Ko 4.65% से बढ़ा कर 5.15% कर दिया है
आइए पहले आपको बताते है रेपो रेट होता क्या है!
आसान शब्दों में अगर बात हो तो रेपो रेट का मतलब है reserve Bank द्वारा अन्य दुसरे बैंको को दिए जाने वाला कर्ज का दर , बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है ! रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि ग्राहक अब कम दामों में भी होम लोन और vehical यानी गाड़ी लोन जैसी लोन के कर्ज यानी interest के दर सस्ते हो जायेंगे।
अब बात करते है कि रिजर्व रेपो रेट क्या है!
क्या होता है रिजर्व रेपो रेट? PLATE
रिजर्व रेपो रेट का अर्थ ये है जब बैंक उनकी ओर से rbi में जमा धन पर ब्याज पाते है। रिजर्व रेपो रेट बाजारों मे नकदी के liquidity को नियंत्रित करता है । Rbi रेपो रेट बढ़ा देता है ताकि बैंक ज़्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकम को उसके पास रखे,अब ज़रा नजर डालते है कि रिजर्व रेपो रेट बढ़ने से आपके और हमारे जैसे आम आदमी पर क्या असर होगा।
1.आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी. इसकी वजह ये है कि बैंक बढ़ी हुई रेपो रेट का बोझ सीधा ग्राहकों पर डालेंगे.
2.रेपो रेट बढ़ने का असर सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा. बैंक आपके सेविंग अकाउंट और सावधि जमा पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं. जैसा कि 4 मई को रेपो रेट में वृद्धि के बाद तमाम बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज दर में वृद्धि की है.
3.लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने के लिए भी केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हैं. रेपो रेट में ताजा बढ़ोतरी से उम्मीद की जा सकती है कि महंगाई पर लगाम लगेगी.
4.रेपो रेट बढ़ने का सबसे ज्यादा असर उद्योग जगत पर होगा, क्योंकि उनके लिए भी लोन और ब्याज दरें पहले के मुकाबले बढ़ जाएंगी.
अब जब देश में महंगाई की ऐसी स्थिति है तो एक नजर तो देश के वित मंत्री पर भी जानी चाहिए
देश की वित मंत्री निर्मला सीतारमण का ये कहना है की रिजर्व बैंक के फैसले से सरकार और मै सरपराईज नही हुं हालाकि समाय को लेकर सरपराईज ज़रूर हू, अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में गवर्नर दास ने इंटरेस्ट rate में किसी तरह का बदलाव नहीं किया , mpc की अगली बैठक इसी महीने जून मे होने वाली है हालाकि केंद्रीय बैंक ने ये फैसला बीच मे ही ले लिया। Economic times की तरफ से अयोजित कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि repo rate बढ़ने से कर्ज लेना महंगा हों जाएगा हालाकि इससे सरकार की खर्च की योजना पर किसी तरह का असर नहीं होगा ।
सीतारमण के इस बयान से तो ऐसा ही लगता है कि उन्होंने हाथ खड़े कर दिए है , आपको अगर निर्मला सीतारमण के बारे में बताएं तो उन्होंने अपनी बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री economicsसे की है और रिपोर्ट्स यें भी बताते है कि निरमला सीतारमण का देश के वित से कम ही तालुक है उनका बनाया हुए बजट भी जनता के हित मे नहीं होता है।ऐसे में बढ़ती महंगाई के साथ आम आदमी का जीवन काटना और मुश्किल हो रहा है