इलाहाबाद हाईकोर्ट : भ्रष्टाचार के आरोप में 3 जज बर्खास्त , 2 को क्लीन चिट
अनुसूचित जाति/जनजाति जाति अधिनियम डॉ. राकेश कुमार जैन को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के दो अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीशों व एक विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति/ जनजाति कानून को कदाचार के आरोप का दोषी करार दिया है और इन्हें बर्खास्त करने की राज्यपाल को संस्तुति भेजी है. सूत्रों की माने तो पांच न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों की जांच की गई. जिसमे से दो के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलने के कारण बरी कर दिया गया और तीन न्यायिक अधिकारियों को कदाचार का दोषी करार देते हुए बर्खास्त किए जाने की संस्तुति की गई है. बर्खास्त होने वाले अधिकारियों में बदायूं से 11 जुलाई 15से निलंबित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार सिंह, बलिया से निलंबित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर तथा सिद्धार्थनगर के विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति/जनजाति जाति अधिनियम डॉ. राकेश कुमार जैन को बर्खास्त करने की संस्तुति की गई है. राज्यपाल से कभी भी इसकी मंजूरी मिल सकती है.
अशोक कुमार सिंह को अतिरिक्त सिविल जज बनाया- Breaking News
बता दें कि 28 मार्च 2001 को अशोक कुमार सिंह को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन), गाजीपुर के रूप में नियुक्त किया गया था. 4 जुलाई 2015 को उन्हें अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश बदायूं के रूप में नियुक्त किया गया. 11 जुलाई 2015 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था. हिमांशु भटनागर को 19 मार्च, 1996 को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रूप में बलिया में नियुक्त किया गया था. 16 अप्रैल 2021 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बलिया में नियुक्त किया गया.
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तीनों न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ मिलीं भ्रष्टाचार की शिकायत
दरअसल डॉ. राकेश कुमार जैन ने 11 अगस्त, 1999 को प्रदेश की न्यायिक सेवा में आए थे. वह विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण) अधिनियम), सिद्धार्थनगर रहे हैं. तीनों न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ मिलीं भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के बाद आरोप सही पाए गए हैं. इसके बाद तीनों न्यायिक अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. राज्य सरकार जल्द ही इस आशय का आदेश जारी करेगी.
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