भारत ने गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया, इसके पिछे है ये बड़ी वजह

सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी

नई दिल्ली: भारत ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना जारी कर इस बात की जानकारी दी।

स्थानीय कीमतों को काबू में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है।

सरकार ने कहा है कि पहले ही जारी किए जा चुके लेटर ऑफ क्रेडिट के तहत गेहूं निर्यात की अनुमति रहेगी।

फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से

काला सागर क्षेत्र से निर्यात में गिरावट के बाद वैश्विक खरीदार गेहूं की

आपूर्ति के लिए भारत की ओर रुख कर रहे थे।

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया,

‘देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए,

केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा दी गई

अनुमति के आधार पर और सरकारों के अनुरोध के आधार पर निर्यात की अनुमति दी जाएगी।

भारत सरकार पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जो गेहूं के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं

और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति तक पहुंचने में असमर्थ हैं।

रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग से आई गिरावट

रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग की वजह से गेहूं  की अंतरराष्ट्रीय कीमत में करीब 40 फीसदी तेजी आई है।

इसकी वजह से भारत से गेहूं का निर्यात बढ़ गया है।

मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे की कीमतों में भारी तेजी आई है।

एक अलग अधिसूचना में, विदेश व्यापार महानिदेशालय ने प्याज के बीज के लिए निर्यात शर्तों को आसान बनाने की घोषणा की।

देशभर में पिछले काफी समय से खाद्य सामग्री के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं,

जिस वजह से लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

पिछले साल के मुकाबले आटे की कीमत करीब 13 फीसदी बढ़ गई है।

 

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