प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के ऊपर सरकार की नजर टेढ़ी
1 दिसम्बर 2018 को किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की गई थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना थी।
लखनऊ: आजाद भारत में हम सबका पेट भरने वाले किसानों को अपने अधिकारों और हक को पाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपनी अमलीजामा नीति से हर बार इन किसानों को आश्वासन देकर समझा-बुझाकर वापस खेतों में भेज देती हैं। देश में सरकार चाहें कोई भी हो लेकिन अपने अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष करने वाले किसानों की झोली हमेशा खाली रह जाती है। आज किसानों के हालात बेहद खराब हैं।
भारत में किसान वो सभी हैं। जिनके नाम पर ज़मीनें हैं और वो भी किसान हैं जो दूसरों की ज़मीन पर खेती करते हैं ।जिन्हें ठेके पर खेती करने वाला कहा जाता है। लेकिन पीएम किसान योजना का लाभ ज़मीन पर मालिकाना हक रखने वाले किसानों को ही मिलता है जो सरकार के नियम के मुताबिक हो उधर सरकार ने साफ कह दिया है। कि पीएम किसान योजना में किसानों की संख्या कम नहीं की जा रही है। बल्कि नए किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाना है। लेकिन सिर्फ पात्र किसानों को ही योजना के तहत साल में 6 हजार रुपए का लाभ मिलेगा। इसके लिए अपात्र किसानों को हटाया जाएगा और उनसे वसूली भी की जाएगी आम बजट आने के बाद प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के ऊपर सरकार की नजर टेढ़ी हो चुकी है। कृषि विभाग अब ऐसे किसानों को नोटिस भेजकर वसूली की तैयारी कर रहा है ।ऐसे में किसानों की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।
किसानों को साल में 2000 हजार रुपये
प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को साल में 2000 हजार रुपये की 3 किस्तें मिलती है। लेकिन इसमें भी तमाम सारे नियम और शर्तें भी लागू हैं। 10,000 से ज्यादा पेंशन पाने वाले लोग(किसान) डॉक्टर ,इंजीनियर, वकील, दुकानदार छोटे-मोटे कृत्रिम साधन से गुजर बसर करने वाले लोग ।जैसे पेशे से भले ही वह खेती भी करते हो लेकिन उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता इसके बावजूद भी बहुत से किसानों ने खसरा खतौनी दिखाकर इस योजना का लाभ भी ले लिया। जांच के यदौरान ऐसे तमाम किसानों के दस्तावेज इस योजना के तहत सटीक नहीं बैठते । जिसकी वजह से अब उन्हें प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के पैसे वापस करने होंगे या यूं कह लें सरकार द्वारा वसूली की जाएगी ।
इस योजना में सरकार ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 65000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।लेकिन 2022 में अनुमानित बजट75000 रुपये होनी चाहिये थी ।इस बात को लेकर किसान नेताओ और विपक्ष की पार्टियों ने इस योजना के बजट में 10000 करोड़ रुपये की कटौती का आरोप लगाया। क्या सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का बजट कम कर रही है।या फिर योजना में किसानों की संख्या को कम करना है।जिन्होंने गलत तरीके से पैसे लिए है उनका क्या होगा।ऐसे कई सवाल किसानों के मन मे है। लेकिन सरकार ने साफ कहा है जो किसान अभी जुड़े नही है। उन्हे जोड़ा जाएगा लेकिन जो अपात्र है ।जिन्होंने फर्जी तरीके से पैसे लिए है उनसे वसूली भी होगी।