यूपी: योगी सरकार इन 12 जिलों व शहरों के नाम बदलने की कर चुकी तैयारी, जल्द ही कैबिनेट में पेश होगा प्रस्ताव
यूपी: योगी सरकार इन 12 जिलों व शहरों के नाम बदलने की कर चुकी तैयारी
लखनऊ: भले ही ऐसा कहा जाता है कि नाम में क्या रखा जाता है, लेकिन नाम में ही सब कुछ रखा जाता है. पहले के समय में राजा- महाराजा खुश होते थे, तब नाम बदल दिया करते थे. मुगलों ने इसी परंपरा के तहत अनगिनत नाम बदल डाले. उनके बाद आए अंग्रेज शासकों ने भी इस परम्परा को कायम रखा. आज भी बहुत से हिल स्टेशनों के नाम अंग्रेजों के गवर्नर जनरल व वायसराय के नाम पर मिल जाएंगे. यूपी के हालिया इतिहास को देखें तो बसपा व सपा भी पीछे नहीं रहीं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल में भी कई जगहों के नाम बदल दिए थे. अब वह प्रदेश के 12 जिलों व शहरों के नाम बदलने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस बारे में प्रस्ताव का मसौदा भी तैयार हो चुका है.
इन प्रदेशों का बदलें नाम
योगी सरकार प्रदेश के जिनके नाम बदलने की तैयारी में हैं, वह हैं- अलीगढ़, संभल, फर्रखाबाद, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, आगरा, मैनपुरी, गाजीपुर, देवबंद, रसूलाबाद और सिकंदरा. जानकारी के मुताबिक इन जिलों का मसौदा तैयार हो चुका है. जल्द ही इसे योगी कैबिनट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है. वहां से मुहर लगने के बाद यूपी के आगामी बजट सेशन में विधानसभा में पेश किया जा सकता है. नाम बदलने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद उसे राज्यपाल के पास भी भेजा जाएगा. राज्यपाल की मोहर के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास जाता है, और फिर राज्य सरकार अधिसूचना जारी करके नाम बदल देती है.
ये हैं नए हैं प्रस्तावित नाम
सीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, नए प्रस्तावित नाम ये हो सकते हैं- अलीगढ़ से आर्यगढ़, सम्भल से पृथ्वीराज नगर, फर्रूखाबाद से पांचाल नगर, सुल्तानपुर से कुशभवनपुर, फिरोजाबाद से चंद्र नगर, आगरा से अग्रवन, मैनपुरी से मयानपुरी, गाजीपुर से गढ़ीपुरी, देवबंद से देववृंदपुर, रसूलाबाद से देवगढ़ और सिकंदरा से आदर्शनगर. योगी का मानना है कि पुरानी अस्मिता को फिर से स्थापित करने के लिए इस तरह के कदम उठाना बहुत जरुरी है. सीएम योगी ने अपने पिछले कार्यकाल में भी कुछ जगहों के नाम बदले थे, जैसे कुम्भ मेले से पहले इलाहाबाद को प्रयागराज कर दिया गया था. फैजाबाद को अयोध्या, मुगलसराय रेलवे स्टेशन को पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन, गोरखपुर के उर्दू बाजार को हिंदी बाजार, हुमायूंपुर को हनुमान नगर, मीना बाजार को माया बाजार व अलीनगर को आर्य नगर किया गया था.
नाम बदलने में सपा व बसपा भी नहीं रही पीछे
नाम बदलने में सपा व बसपा भी पीछे नहीं रही है. मायावती ने 2007 में मुख्यमंत्री बनने के साथ ही लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कालेज का नाम छत्रपति शाहू जी महाराज कर दिया था. सम्भल को भीमनगर, शामली को प्रबुद्धनगर व हापुड़ को पंचशील नगर बना दिया था. 2012 में अखिलेश यादव ने सीएम बनने के बाद पुराने नाम को बहाल कर दिया. साल 2012 से 2022 के बीच 11 जिलों के नाम बदले गए, जिसमें से 9 नाम अखिलेश यादव ने बदले, बाकी 2 नाम सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल में चेंज किए. आजाद भारत के राजनीतिक इतिहास में नाम बदलने में कांग्रेस सबसे आगे रही है. बता दें कि भारत में कांग्रेस के 3 बड़े नेताओं जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के नाम पर 98 शिक्षण संस्थान, 64 सरकारी योजनाएं, 52 अवार्ड, 74 सड़कें व बिल्डिंग, 39 अस्पताल, 19 स्टेडियम, 15 नेशनल सेंचुरी हैं.