BJP के बड़े नेता ने ओम प्रकाश राजभर को NDA में आने के लिए दिया आमंत्रण, फिर…
राजभर ने खबको को किया खारिज , बताई क्या है सच्चाई, जानें
लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं विधायक दयाशंकर सिंह ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को भाजपा से गठबंधन का खुला आमंत्रण दिया है. साथ ही उन्होंने कहा राजभर ने जिन उद्देश्यों को लेकर अपने दल की स्थापना की है उसकी पूर्ति भाजपा में ही संभव है. हालांकि, ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के साथ अपना गठबंधन बरकरार रखने का दावा किया. राजभर ने सपा से अनबन की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा से उनके गठबंधन की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है.
बता दे कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बलिया सदर सीट से नवनिर्वाचित विधायक सिंह ने जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में सुभासपा को भाजपा के साथ गठबंधन का खुला आमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि राजभर का दीर्घकालिक गठबंधन भाजपा के साथ ही संभव है. सिंह ने कहा, ‘‘राजभर ने जिन उद्देश्यों को लेकर दल की स्थापना की है, वह नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ ही पूरा कर सकते हैं. राजभर अति पिछड़े वर्ग एवं कमजोरों का मुद्दा उठाते हैं और भाजपा समाज के कमजोर वर्ग को आगे बढ़ाने का कार्य करती है.’’
राजभर ने इस तरह की खबर को खारिज कर दिया है
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सपा जातिवादी पार्टी है और सपा उनके उद्देश्यों को कभी पूरा नहीं कर सकती. राजभर का सपा से गठबंधन लंबे समय तक नहीं चल सकता, क्योंकि यह बेमेल गठबंधन है.’’ भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं लंबे समय से राजभर से बोल रहा हूं कि सपा के साथ वह गलत ट्रैक पर जा रहे हैं, सही ट्रैक पर आइये.’’ पिछले दिनों राजभर के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई नेताओं से मिलने की अटकलें थीं, लेकिन राजभर ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. हालांकि, राजभर ने सोमवार को रसड़ा में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पर दयाशंकर सिंह के बयान को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए सपा से अनबन की खबरों को खारिज कर दिया.
बातचीत को लेकर बताई ये सच्चाई
उन्होंने विधान परिषद के हो रहे चुनाव में सपा द्वारा एक भी सीट नहीं दिये जाने के मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा, ‘‘हम (पार्टी) लड़ने को तैयार ही नहीं हैं, हमारे पास धन नहीं हैं.’’ राजभर ने आरोप लगाया, ‘‘सपा से मतभेद की खबर भाजपा का आईटी सेल प्रचारित कर रहा है, सब अफवाह है.’’ उन्होंने स्वीकार किया कि चुनाव जीतने पर उन्होंने सिंह को बधाई दी थी. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि वह भाजपा नेताओं के सम्पर्क में नहीं हैं और पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है.