‘मुस्लिम-दलित मिलकर वोट देते तो BJP हारती’, मायावती ने बताए BSP की हार के कारण
जातिवादी मीडिया ने बसपा को भाजपा की ‘टीम बी’ कहकर गलत प्रचार किया
लखनऊ. ‘मुस्लिम और दलित वोटर यदि एकजुट होकर वोट करते तो भाजपा की हार तय थी, लेकिन…’ बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Elections) में अपनी पार्टी की ज़बरदस्त हार का ठीकरा मीडिया पर भी फोड़ा और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की समाजवादी पार्टी पर भी. यूपी चुनाव में सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई बसपा की हार की वजहों पर बातचीत करते हुए मायावती ने अपने कार्यकताओं (BSP Workers) को निराश न होने और आगे नयी रणनीति पर काम करने का संदेश भी दिया.
मायावती ने कहा कि “जातिवादी मीडिया” ने झूठी खबरें न फैलाई होतीं तो ये माहौल नहीं बनता और सपा को इतने वोट नहीं मिलते. सीधा गणित समझाते हुए उन्होंने कहा मीडिया ने चुनाव को भाजपा बनाम सपा बताकर प्रचार किया और बीएसपी के चुनाव अभियान को खारिज कर दिया. इससे हुआ ये कि भाजपा विरोधी नेता भी बसपा में नहीं आए और वोट भी काटे गए. मायावती ने साफ आरोप लगाया कि जातिवादी मीडिया ने बसपा को भाजपा की ‘टीम बी’ कहकर गलत प्रचार किया और सपा का साथ दिया.
‘तो पश्चिम बंगाल की तरह होते नतीजे’
मायावती ने दलित और मुस्लिम वोटरों के एकजुट होकर वोट करने की स्थिति में भाजपा के हार जाने की संभावना बताते हुए कहा कि मीडिया का दुष्प्रचार न होता, अगर दलित और मुस्लिम बीएसपी के पक्ष में वोट करते तो पश्चिम बंगाल (West Bengal) की तरह चौंकाने वाले परिणाम आते. प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कार्यकर्ताओं को ढांढ़स बंधाते हुए कहा कि निराश न हों, भाजपा ने पहले भी बुरे दिन देखे हैं, आगे भी देखेगी.
‘भाजपा को बसपा ही रोक सकती है’
मायावती ने कहा कि बीजेपी को रोकने में सपा नाकाम साबित हुई, केवल बसपा में ही यह क्षमता है कि वह बीजेपी को रोक सके. भाजपा से बसपा की लड़ाई सैद्धांतिक भी थी. यदि त्रिकोणीय संघर्ष होता, तो भाजपा को बहुमत से रोकना संभव था. मायावती ने यह भी दावा किया कि दलित वोट बैंक (Dalit Vote Bank) हर बार की तरह ही बसपा के साथ रहा. अपने वोटरों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, बाबा साहब आंबेडकर के रास्ते पर उनकी पार्टी आगे बढ़ती रहेगी.