यूपी चुनाव: गोरखपुर में प्रत्याशी घोषित होते ही कांग्रेस में विद्रोह, कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
कांग्रेसियों ने प्रदेश अध्यक्ष और प्रियंका गांधी के निजी सचिव समेत कई पदाधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
गोरखपुर. पांच साल तक राहुल गांधी व प्रियंका गांधी भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ समय-समय पर मोर्चा खोलते रहे हों, लेकिन विधानसभा चुनाव में योगी के खिलाफ लड़ने से पहले ही कांग्रेस बुरी तरह लड़खड़ा गई है. पहले तो गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को प्रत्याशी घोषित करने की फुर्सत तब मिली जब नामांकन में एक ही दिन शेष बचा था. और घोषित प्रत्याशी के नामांकन पत्र दाखिल करते ही पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई. इस्तीफा देने वाले कांग्रेसियों ने प्रदेश अध्यक्ष और प्रियंका गांधी के निजी सचिव समेत कई पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
डॉ. चेतना पांडेय को प्रत्याशी घोषित किया
11 फरवरी को नामांकन दाखिला की अंतिम तिथि थी. और इसके एक दिन पहले कांग्रेस ने सूबे की सबसे हॉट सीट गोरखपुर शहर विधानसभा से पूर्व छात्रनेता डॉ. चेतना पांडेय को प्रत्याशी घोषित किया. पार्टी के इस निर्णय पर कांग्रेस के कई नेताओं में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. शुक्रवार को चेतना पांडेय एक तरफ नामांकन पत्र जमा कर रही थीं तो दूसरी तरफ कई पुराने कांग्रेसी बगावत का बिगुल फूंक रहे थे. कांग्रेस के कार्यक्रम और संगठन में योगदान को लेकर चेतना पर सवाल उठाते हुए, महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद स्व नरसिंह नारायण पांडेय के पौत्र रोहन पांडेय, महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेमलता चतुर्वेदी, पीसीसी सदस्य व गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री राजेश तिवारी, पीसीसी सदस्य अमरजीत यादव, नवीन सिन्हा, महानगर उपाध्यक्ष अरविंद जायसवाल, जितेंद्र विश्वकर्मा, महानगर महासचिव मो खालिद, सचिव रंजीत चौधरी, धीरेंद्र कुमार मिश्र समेत 28 पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया.
लगाया ये गंभीर आरोप लगाया है
इस्तीफा देने वाले कांग्रेस पदाधिकारियों ने पार्टी के उत्तर प्रदेश सह प्रभारी राजेश तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह, प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह पर टिकट वितरण में दलाली का भी गंभीर आरोप लगाया है.