लता मंगेशकर को क्या थी परेशानी, कैसे हुआ निधन? डॉक्टर ने दिया ये जवाब
डॉक्टरों के मुताबिक मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते उनका निधन हो गया
मुंबई. स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन (Lata Mangeshkar Death) हो गया है. वो 92 साल की थी. आज सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. वो पिछले 28 दिनों से अस्पताल में भर्ती थी. कुछ दिन पहले उनकी तबियत में सुधार हुआ था. लेकिन शनिवार को दोबारा उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते उनका निधन हो गया.
मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते उनकी मृत्यु
ब्रीच कैंडी अस्पताल में लगा मंगेशकर का इलाज डॉक्टर प्रतीक समदानी की देखरेख में किया जा रहा था. उन्होंने कहा, ‘अत्यंत दु:ख के साथ सूचित किया जाता है कि लता मंगेशकर जी का निधन सुबह 8:12 बजे हुआ. अस्पताल में भर्ती होने के 28 दिनों से अधिक समय के बाद मल्टी ऑर्गन फेलियर के चलते उनकी मृत्यु हो गई.’
लता अपनी गायकी को निखारने के लिए पूरे-पूरे दिन अभ्यास किया करती थीं. लता ने जब गाना शुरू किया था, तब आज जैसी तकनीक मौजूद नहीं थी. तब गानों में इफेक्ट पैदा करने के लिए अलग तरह से रिकॉर्डिंग की जाती थी. लता का मशहूर गाना ‘आएगा आने वाला’ सुनकर लगता है कि इसमें किसी तकनीक के सहारे से उतार-चढ़ाव पैदा किया गया है, पर जब यह गाना रिकॉर्ड हुआ था, तब साउंड रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग की तकनीक विकसित नहीं हुई थी.
पुराने समय में ऐसे रिकॉर्ड होते थे गाने
शुरू में गाना सुनकर लगता है कि आवाज दूर से आ रही है. कुछ पंक्तियां सुनने के बाद लगता है कि आवाज पास से आ रही है. उस समय गायकों को इस तरह का इफैक्ट पैदा करने के लिए बहुत स्वर साधना करनी पड़ती थी और लता ऐसा करने में माहिर थीं. लता ने एक इंटरव्यू में कहा था कि इस गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान माइक्रोफोन कमरे के बीच में रखा गया था. उन्हें कमरे के एक कोने से गाते हुए माइक तक पहुंचना था. गाने और माइक तक पहुंचने की टाइमिंग इतनी सटीक होनी चाहिए थी कि जब वे माइक के पास पहुंचे तो गाने का ‘आएगा आने वाला’ मुखड़ा शुरू हो जाए.
लता जब सारा-सारा दिन करती थीं रियाज
कई बार ऐसा करने के बाद इस गाने की सही रिकॉर्डिंग हो पाई थी. खेमचंद प्रकाश ने इन गाने को म्यूजिक दिया था. यह गाना फिल्म ‘महल’ का है, जिसे सावक वाचा ने प्रोड्यूस किया था. उन्हें लगता था कि यह गाना चलेगा नहीं, पर हुआ इसके उलट. लता इस गाने से खूब मशहूर हो गई थीं. उन्होंने ऐसे दर्जनों गाने गाए हैं, जिसके लिए वे सारा-सारा दिन रियाज करती थीं, तब जाकर वैसे गाने रिकॉर्ड हो पाते थे.
लता मंगेशकर ने पिता की इस सीख को जिंदगी भर रखा याद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लता जब भी कोई गाना गाती थीं, तब अपने पिता और गुरु मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की सीख को याद करती थीं. दीनानाथ अपनी नन्ही बेटी लता से कहते थे कि गाते समय यह सोचो कि तुम्हें अपने पिता या गुरु से बेहतर गाना है. लता ने जीवन भर उनकी इस सीख को याद रखा और अपनाया.