अखिलेश यादव के बयान पर भड़क गए गो सेवा आयोग के चेयरमैन, जानिए क्या है मामला
श्याम नंदन सिंह ने कहा अखिलेश ने शंकर जी के वाहन नंदी को सांड़ कहकर उनका अपमान किया
लखनऊ: यूपी में होने वाले चुनाव को लेकर सभी दल एड़ी चोटी का जोड़ लगा रहे है। वही जनता को लुभाने के लिए वादे पर वादे कर रहे है। इसी कड़ी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक चुनावी वादे से उत्तर प्रदेश की राजनिति में हलचल मच गई है। बीते दिनों एक चुनावी सभा में अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि अगर उनकी सरकार में किसी की मौत सांड़ से एक्सीडेंट अथवा सांड़ के हमले में होती है तो उसे पांच लाख रुपए दिए जाएंगे। अब इस बयान पर गो सेवा आयोग के चेयरमैन श्याम नंदन सिंह ने आपत्ति जताई है और उन्होंने अखिलेश यादव से माफी की मांग की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जानबूझकर मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए हिन्दुओं का अपमान करते हैं। अखिलेश ने शंकर जी के वाहन नंदी को सांड़ कहकर उनका अपमान किया है।
अखिलेश ने मुसलमान को भड़काने के लिए दिया ये बयान
आपका बता दे कि अखिलेश यादव के सांड़ के अटैक में मुआवजे वाले बयान पर भड़के गो सेवा आयोग के चेयरमैन श्याम नंदन सिंह ने कहा कि सपा अध्यक्ष अपने पिता जी को भी पार करते जा रहे हैं। अभी पहले जिन्ना को गांधी ,पटेल से जोड़ा. इनको लगा मुसलमान खुश हो जायेगा और वोट मिलेगा। अभी जो कनौज और कानपुर में इत्र वाला पकड़ा गया है जैन, उसका भाई सपा से राज्यसभा का मेंबर है, तो आज नई चीज खड़ी कर दी है। उन्होंने आगे कहा कि हिंदू समाज में जिसकी पूजा की जाती है, उसे नंदी कहते हैं। वह शंकर जी का वाहन है, उसे सांड़ कह कर पुकार रहे हैं।
हिन्दू संस्कृति का किया अपमान
गो सेवा आयोग के चेयरमैन ने सवाल उठाया कि सांड़ से किसी का एक्सीडेट होने पर पांच लाख रुपए देंगे तो सांड़ कहने की जरूरत क्या थी। किसी से भी कह सकते थे। किसी से भी साईकिल वाले का एक्सीडेंट हो जाता तो उसे रुपए मिल जाते। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने जानबूझकर नंदी का अपमान किया है। उन्होंने हिंदू, शंकर जी का, हिन्दू संस्कृति का अपमान किया है।
इनको हिन्दू समाज से मांगनी चाहिये मांफी
उन्होने कहा कि अखिलेश को लगता है कि हिन्दू धर्म की संस्थाओं का अपमान करने से शायद मुस्लिम वोट पूरा इनको मिलेगा। इनको हिन्दू समाज से मांफी मांगनी चाहिये। इनको लगता है कि मुस्लिम वोट इनको तभी मिलेगा, जब हिन्दू समाज का अपमान करेंगे। ये अपने पिताजी को भी पार कर गये. इनके पिता ने कहा था लड़के से गलती हो जाती है तो इनको संस्कार क्या मिलेगा। इनके पिता को सिर्फ एक बात से मतलब था कि मुस्लिमों का वोट कैसे मिलेगा। यही संस्कार इनको अपने पिता से मिला है कि मुसलमानों का वोट कैसे पाया जा सकता है।