वसीम रिजवी इस्लाम छोड़ सनातन धर्म में हुए शामिल, त्यागी बिरादरी से जोड़ा नाम
वसीम रिजवी ने अपनाया हिंदू धर्म, बने त्यागी
नई दिल्ली: आगामी यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर सोमवार यानी आज हिन्दू धर्म अपना लिया है. गाजियाबाद स्थित डासना के देवी मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिन्दू धर्म में शामिल कराया है. हिन्दू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, इसलिए आज मैं हिन्दुओं के सनातन धर्म को अपना रहा हूं. वहीं इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे.
रिजवी ने छोड़ा इस्लाम, हिंदू धर्म में हुए शामिल
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी पहले भी कई बार ऐलान कर चुके हैं कि वह इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपनाने जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि डासना की देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती उन्हें सनातन धर्म में शामिल करेंगे.
बता दें कि वसीम रिजवी अक्सर अपनी बातों अजीबोगरीब बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं अभी हाल ही में रिजवी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनके मरने के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए.
वसीम रिजवी ने मुसलमानों पर लगाया ये आरोप
जनकारी के मुताबिक वसीम रिजवी ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. इस वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था, ‘मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसके बाद से मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं. इतना ही नहीं उन्होंने ऐलान भी किया है मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे. इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए.’
गौरतलब है कि वसीम रिजवी ने कुरान की कथित रूप से ‘विवादित 26 आयतों’ को हटाने के लिए कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट को रिट याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर उन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.