दिल्‍ली के इन 3 अस्‍पतालों में आज ठप रहेंगी इमरजेंसी सेवाएं, जानें क्‍यों?

नई दिल्‍ली. नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग (NEET PG Counselling) में देरी के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा संचालित आरएमएल अस्‍पताल (RML Hospital), सफदरजंग अस्‍पताल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार से सभी नियमित और आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार करेंगे. रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) के मुताबिक, 6 दिसंबर को देशभर के अधिकतर बड़े अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं बंद रहेगी. एफओआरडीए ने यह फैसला राष्ट्रीय और राज्य आरडीए के साथ मिलकर यह फैसला लिया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को लिखे एक पत्र में, एफओआरडीए ने कहा है कि देश भर के स्वास्थ्य संस्थानों में रेजिडेंट डॉक्टरों की कमी है और वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में अभी तक कोई प्रवेश नहीं है. इसमें कहा गया है, ‘भविष्य में कोविड-19 महामारी की लहर बड़ी होने की आशंका के बीच इसका असर स्वास्थ्य क्षेत्र पर विनाशकारी होगा जिससे देश की आबादी भी प्रभावित होगी. ऐसा लगता है कि (नीट-पीजी) काउंसलिंग में तेजी लाने के लिए अभी तक कोई पहल या उपाय नहीं किया गया है, इसलिए दिल्ली के विभिन्न आरडीए प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद हमने अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने और सोमवार से स्वास्थ्य संस्थान में सभी सेवाओं (नियमित और आपातकालीन) से हटने का फैसला किया है.

राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के आरडीए ने अस्पताल प्रशासन को दी गई एक सूचना में कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर नीट-पीजी काउंसलिंग और प्रवेश में देरी के मद्देनजर देशभर में विभिन्न अस्पतालों में प्रथम वर्ष के जूनियर रेजिडेंट अब लगभग एक सप्ताह से शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं. आरडीए ने 27 नवंबर से ओपीडी सेवाओं और 3 दिसंबर से नियमित सेवाओं को निलंबित कर दिया था. उसने कहा, ‘हमें आपके ध्यानार्थ लाते हुए दुख हो रहा है कि हमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया या ठोस कार्रवाई नहीं मिली है.’

सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के आरडीए ने भी इसी तरह के पत्र लिखे हैं.सफदरजंग अस्पताल आरडीए ने चिकित्सा अधीक्षक को लिखे अपने पत्र में कहा कि 27 नवंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ एक बैठक के बाद, ‘उनके द्वारा दिए गए मौखिक आश्वासन का सम्मान करते हुए’ मौन तरीके से एक प्रतीकात्मक विरोध जारी रखा.आरडीए ने कहा, ‘सरकार और संबंधित अधिकारियों की गैर-जवाबदेही और उदासीनता के कारण, दुर्भाग्य से, हमारे पास सोमवार से आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है. स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करने वाली परिस्थितियों के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जिम्मेदारी संबंधित प्राधिकारियों पर होगी.’

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