अब यूपी में ही बनेगी एके-203 राइफल, भारत सरकार ने दी मंजूरी
भारत में बनेंगी एके-203 राइफल, रक्षा के क्षेत्र में नहीं होगी हथियारों की कमी
लखनऊ: देश को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है। वहीं अब उत्तर प्रदेश के अमेठी के कोरवा में भारत और रूस एक संयुक्त उपक्रम के तहत 5 लाख से अधिक एके-203 का निर्माण करने जा रहे हैं। यह भारत और रूस का साझा कदम है, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है।
पीएम मोदी की मंजूरी मिलने के बाद भारत में अब एके 203 राइफलों का निर्माण शुरू हो जाएगा। ये रूस के साथ एक ज्वाइंट वेंचर है। जानकारी के मुताबिक सरकार ने कोरवा, अमेठी उत्तर प्रदेश में पांच लाख से अधिक एके-203 असॉल्ट राइफलों के उत्पादन की योजना को मंजूरी दी है। सेना में छोटे हथियारों की कमी को पूरा करने के लिए राइफल्स का घरेलू निर्माण बहुत जरुरी है।
यहां से खरीदनी पड़ी 72,000 सिग सॉयर राइफलें
रूस के साथ एक संयुक्त वेंचर के हिस्से के रूप में उत्तर प्रदेश के कोरवा, अमेठी में निर्मित होने वाली 6.71 लाख एके 203 राइफलों के उत्पादन से सेना की असॉल्ट राइफलों की जरूरतें अब आसानी से पूरी हो जाएंगी। लेकिन इसे मेक इन इंडिया परियोजना में देरी का सामना करना पड़ा। चूंकि परियोजना देरी से प्रभावित हुई थी, भारतीय सेना ने अमेरिका से 72,000 सिग सॉयर राइफलें खरीदीं और 72,000 राइफल्स के लिए एक और ऑर्डर दिया।
इंसास राइफल की जगह लेंगी एके-203 राइफल्स
बता दें कि इस पर अंतिम मंजूरी देने का निर्णय 6 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से पहले आया है। 7.62 X 39 एमएम कैलिबर AK-203 राइफल्स उस इंसास राइफल की जगह लेंगी, जिसे 30 साल पहले शामिल किया गया था। राइफल की प्रभावी रेंज 300 मीटर है और ये बहुत हल्की होगी। ये राइफल्स काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस में भारतीय सेना की परिचालन प्रभावशीलता को भी बढ़ाएंगी।
रूस से आएंगी 20,000 राइफल्स
जाकारी के मुतबिक 20,000 राइफल्स सीधे रूस से लाई जाएंगी और फिर भारत में 5 लाख से अधिक का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना रोजगार भी पैदा करेगी और रक्षा क्षेत्र में हथियारों की कमी को भी पूरा करेगी।
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