आखिर कोरोनावायरस ने ओमीक्रांन को क्यों दिया जन्म?
कोरोना वायरस का नया वैरियंट बेहद खतरनाक
लखनऊ: दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस का नया वैरियंट सामने आया है। यह नया वैरियंट काफी खतरनाक हो सकता है। विश्व स्वास्थ संगठन कोरोना वायरस की इस नए वेरिएंट को ओमीक्रांन नाम दिया है। डब्ल्यूएचओ ने इस वैरियंट को बेहद तेजी से फैलने वाला और चिंताजनक बताया है ।कोरोनावायरस का नया वैरियंट इतना खतरनाक है कि इससे दोनों टीका लगवा चुके व्यक्ति के भी करोना संक्रमित होने का पता चला है। डब्ल्यूएचओ को इस वैरियंट के मामले की जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका से मिली थी ।इसके अलावा बेल्जियम और इजराइल से भी इस वैरियंट की पहचान हुई है। इस वैरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
शेयर बाजारों में एकाएक तेजी से गिरावट
कोरोना के नए वैरियंट मिलने की खबर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में एकाएक तेजी से गिरावट दर्ज की गई है ।वही डब्ल्यूएचओ ने अपने एक बड़े बयान में कहा यह वैरियंट काफी तेजी से म्यूट हो रहा है। और इनमें से कुछ म्यूटेशन चिंता की विषय हैं।उनके अनुसार इस म्यूटेशन का पहला ज्ञात संक्रमण 9 नवंबर को नमूने के तौर पर मिला था। हालांकि उन्होंने कहा नए वैरियंट का प्रभाव समझने में अभी कुछ सप्ताह लगेंगे यदि वैरियंट तेजी से फैलता है तो यूरोप से लेकर एशिया तक आने में बहुत कम समय लेगा।
दक्षिण अफ्रीका में नए संक्रमण की रफ्तार
वही कोरोनावायरस का नया वैरियंट की पहचान के बाद इस बात को लेकर चिंता भी जताई जा रही है। इसकी म्यूटेशन की संख्या को देखते हुए यह तेजी से फैल सकता है या फिर पहले किस संक्रमणीय वैक्सीनेशन से बने एंटीबॉडी को नाकाम कर सकता है ।वहीं अमेरिका के मेडिकल रिसर्च वैज्ञानिक का कहना है। अभी पक्का नहीं है कि नया वैरियंट डेल्टा वैरियंट की जगह ले भी पाएगा या नहीं। लेकिन नया वैरियंट वैक्सीन की ओर से टारगेट किए जाने वाले हिस्से में 30 से अधिक म्यूटेशन करता है। दक्षिण अफ्रीका में नए संक्रमण की रफ्तार में इसका बड़ा हाथ है ।इस वैरियंट से पैदा होने वाली बीमारियों और उनकी संक्रमण क्षमता का पता लगाने में देर लगेगी। अभी यही पता नहीं है कि यह वैरीअंट कहां तक फैल चुका है ।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या कोविड-19 का वैक्सीन इस वैरियंट पर कारगर साबित होगा। दुनिया भर में कोविड वैक्सीन के 8 अरब से ज्यादा डोज लग चुके हैं। क्या कोरोनावायरस से पहले संक्रमित हुए लोग ओमिक्रांन से बच पाएंगे ।या फिर ओमिक्रांन कोरोनावायरस की पहले की प्रजातियों से ज्यादा या कम खतरनाक है।