सांसदों के निलंबन पर हंगामेदार हो सकता है आज का दिन! पेश होंगे अहम बिल
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के पहले दिन यानी सोमवार को दोनों सदनों ने विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक पारित किया. वहीं पिछले मानसून सत्र के दौरान 12 राज्यसभा सांसदों को उनके ‘हिंसक व्यवहार’के लिए निलंबित कर दिया गया. दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को छह महिला सांसदों के साथ अपनी एक सेल्फी साझा की और कहा कि ‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक जगह नहीं है.’ इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया और कुछ लोगों ने उन पर लैंगिक भेदभाव की भावना रखने का आरोप लगाया. बाद में थरूर ने ‘कुछ लोगों को ठेस पहुंचाने’ के लिए माफी मांगी और कहा कि महिला सांसदों के कहने पर ही यह सेल्फी ली गई और ट्विटर पर पोस्ट की गई तथा यह सब अच्छे मिजाज के साथ किया गया.
थरूर ने सुप्रिया सुले, परनीत कौर, थमीजाची थंगापंडियन, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां रूही और ज्योतिमणि के साथ सेल्फी साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘कौन कहता है कि लोकसभा काम करने के लिए आकर्षक स्थान नहीं है? आज सुबह अपनी छह साथी सांसदों के साथ.’ आइए जानते हैं कि आज संसद में क्या होगा और कौन से विधेयक पेश किए जाएंगे.
लोकसभा में पेश हो सकता है सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020
लोकसभा की बात करें तो आज स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Health Minister Mansukh Mandaviya) यहां सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) विधेयक, 2020 (The Assisted Reproductive Technology (Regulation) Bill, 2020) पेश कर सकते हैं. संसद में पारित हो जाने एवं इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद केन्द्र सरकार इस अधिनियम पर अमल की तिथि को अधिसूचित करेगी. इसके बाद राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जाएगा.
राष्ट्रीय बोर्ड भौतिक अवसंरचना, प्रयोगशाला एवं नैदानिक उपकरणों तथा क्लिनिकों एवं बैंकों में रखे जाने वाले विशेषज्ञों के लिए न्यूनतम मानक तय करने के लिए आचार संहिता निर्धारित करेगा, जिसका पालन क्लिनिक में काम करने वाले लोगों को करना होगा. केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के तीन महीनों के भीतर राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश इसके लिए राज्य बोर्डों और राज्य प्राधिकरणों का गठन करेंगे.
राज्य बोर्ड पर संबंधित राज्य में क्लिनिकों एवं बैंकों के लिए राष्ट्रीय बोर्ड द्वारा निर्धारित नीतियों एवं योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी होगी. विधेयक में केन्द्रीय डेटाबेस के रख-रखाव तथा राष्ट्रीय बोर्ड के कामकाज में उसकी सहायता के लिए राष्ट्रीय रजिस्ट्री एवं पंजीकरण प्राधिकरण का भी प्रावधान किया गया है. विधेयक में उन लोगों के लिए कठोर दंड का भी प्रस्ताव किया गया है, जो लिंग जांच, मानव भ्रूण अथवा जननकोष की बिक्री का काम करते हैं और इस तरह के गैर-कानूनी कार्यों के लिए एजेंसियां/गोरखधंधा/संगठन चलाते हैं.
राज्यसभा में पेश हो सकता है The Dam Safety Bill, 2019
इसके साथ ही राज्यसभा में जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 (The Dam Safety Bill, 2019) पेश कर सकते हैं. इसके विधेयक के जरिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एकरूप बांध सुरक्षा प्रक्रियाओं को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और इन बांधों से होने वाले लाभ सुरक्षित रहेंगे. इससे मानव जीवन, पशु और संपत्ति की सुरक्षा में भी मदद मिलेगी.