सत्यपाल के समर्थन में उतरी कांग्रेस:महेश जोशी बोले- मलिक का जमीर जिंदा है,
खाचरियावास बोले- गवर्नर ने किसानों की आवाज बुलंद की
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार को घेरने वाले बयान ने कांग्रेस को मौका दे दिया। कांग्रेस नेता खुलकर उनके समर्थन में आ गए हैं। कांग्रेसियों ने सत्यपाल मलिक की तारीफ करते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने मलिक के बयान को मौजूदा किसान की आवाज करार दिया है।
सरकारी मुख्य सचेतक जोशी ने कहा- ‘मुझे खुशी है कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद उनका जमीर जिंदा है। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कोई बात करता है तो उसके बहुत बड़े मायने होते हैं। वह अपने पद को दांव पर लगाकर ऐसी बात कहता है। मैं सत्यपाल मलिक की बात का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने जमीर को मरने नहीं दिया। यह सच्चाई है कि एक भी किसान के प्रति पीएम और बीजेपी के किसी नेता ने संवेदना नहीं जताई। यह अमानवीय कृत्य है। केंद्र को अब भी सबक लेना चाहिए। किसानों के साथ न्याय करें। किसानों से बात करके किसान हक में फैसले करने चाहिए।’
खाचरियावास बोले- सच्चाई की आवाज जिंदा है
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा- ‘मेघालय के गर्वनर सत्यपाल मलिक को बधाई देना चाहता हूं। उनके बयान से साफ है कि आज भी सच्चाई की आवाज जिंदा है। जो गवर्नर आगे बढ़कर सच्चाई स्वीकार करे, सच्चाई की आवाज को बोले, उनका सम्मान होना चाहिए। उन्होंने सही कहा कि देश का किसान मर रहा है और केंद्र सरकार घमंड में है। सरकारें, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बदलते रहते हैं, लेकिन हमारी सोच में मानवता खत्म नहीं होनी चाहिए। मलिक ने देश के किसान की आवाज को बुलंद किया है। राज्यपाल की आवाज सुनकर केंद्र समझ ले। अब उनके बनाए राज्यपाल भी किसानों के समर्थन में आ गए हैं। केंद्र सरकार घमंड छोड़कर किसानों की आवाज सुनकर काले कानून वापस ले।’
उन्होंने कहा- ‘लालकिले पर जोश में आकर नौजवानो ने तिरंगा फहरा दिया और पास में एक धर्म का झंडा लगा दिया तो कितना बड़ा माहौल बनाया गया। तिरंगा भी अलग जगह फहराया था। केंद्र सरकार ने किसान के मुद्दे को तो कुचल दिया और झूठी बात का ऐसे प्रचार किया जैसे उन्होंने कोई गुनाह कर दिया हो। आप किसी का आवाज नहीं सुनोगे तो ऐसे रिएक्शन होते हैं। युवा तो ऐसा करते ही हैं। मैं खुद आंदोलनकारी रहा हूं, यूथ के मूवमेंट किए हैं।’
कल कार्यक्रम में राज्यपाल ने क्या कहा था?
मेघालय के गर्वनर सत्यपाल मलिक ने रविवार को जयपुर में तेजा फाउंडेशन के कार्यक्रम में कहा था कि आज तक इतना बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। किसान आंदोलन में अब तक 600 लोग शहीद हो चुके हैं। एक जानवर भी मरता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आता है। हमारे 600 किसान शहीद हो गए, उन पर कोई नेता नहीं बोला। अभी महाराष्ट्र के अस्पताल में 5-7 लोग आग से मरे। उनकी मौत पर दिल्ली से शोक संदेश गए हैं। किसानों की मौत पर हमारे वर्ग तक के लोग संसद में शोक प्रस्ताव के लिए नहीं बोले। लालकिले पर झंडा फहराकर किसानों ने कोई गुनाह नहीं किया। लालकिले पर झंडा फहराना किसानों का अधिकार है।