दिल्ली-NCR में वायु को चाहिए ‘ऑक्सीजन’, डार्क रेड जोन में AQI
नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का कहर जारी है. पिछले 5-6 दिनों में प्रदूषण ने लोगों की नाक में दम कर रखा है. दिवाली से लेकर भैया दूज तक के त्यौहार (Festival) पर लोग घरों से निकले पर जिस तरह सांसों की बेचैनी कुछ लोगों ने महसूस किया वह लोगों के लिए भुला पाना आसान नहीं है. लगातार बढ़ रहे प्रदूषण जिला प्रशासन की तैयारियों पर सवाल भी उठने लगे हैं. वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है. दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों की बात करें तो गाजियाबाद प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नंबर एक पर, नोएडा दूसरे, ग्रेटर नोएडा तीसरे और राजधानी दिल्ली चौथे स्थान पर है. लेकिन दिल्ली- एनसीआर क्षेत्र में क्षेत्रों में AQI डार्क रेड ज़ोन में है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसान दायक होती है.
सोमवार को प्रदूषण के स्तर में पहले की अपेक्षा थोड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. लेकिन मंगलवार को एक बार फिर से डार्क रेड जोन में पहुंच गई. वहीं पूरे साल हाथ पर हाथ रखकर बैठे विभागों की बात करें तो अभी भी प्रदूषण की रोकथाम के लिए बेहद सक्रियता किसी भी विभाग की ओर से नजर नहीं आ रही है. खाना पूर्ति के लिए पानी का छिड़काव और कुछ चालान काटने की कार्रवाई जरूर की जा रही है.
दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू है, जिसके तहत कई तरीके की पावन दिया है. लेकिन वास्तविकता पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. धड़ल्ले से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. खानापूर्ति के लिए चालान की कार्रवाई की जा रही है. दिन प्रतिदिन वायु स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. आने वाले दिनों में अगर स्थिति को जिला प्रशासन की तरफ से कंट्रोल नहीं किया गया तो नजारे और भी भयावह होंगे.
बता दें कि दिल्ली,नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाज़ियाबाद का AQI डार्क रेड ज़ोन में है. दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है. दिल्ली का AQI 401, नोएडा का AQI 423, ग्रेटर नोएडा का AQI 410, गाज़ियाबाद का AQI 438 किया गया है.