पंजाब में गर्माया सियासी माहौल: विरोधियों ने सिद्धू पर दागे सवाल
बहबला कलां गोलीकांड में सस्पेंड SP को चन्नी सरकार ने बहाल किया;
पंजाब पुलिस के SP बिक्रमजीत सिंह को बहाल करने पर राज्य का सियासी माहौल गर्मा गया है। एसपी को बेअदबी के बाद हुए गोलीकांड के आरोप में सस्पेंड किया गया था। शनिवार को जारी आदेश में बिक्रमजीत को सरकार ने पुलिस हेडक्वार्टर में टेक्निकल सपोर्ट्स सर्विसिज का एसपी लगा दिया।इसका खुलासा होते ही विरोधी अकाली दल ने सरकार पर निशाने साध दिए हैं। उन्होंने पूछा कि पंजाब सरकार की क्या यही मिसाली सजा है। उन्होंने यह तक पूछा कि एसपी को बहाल करने की अरदास किसने की थी।
2015 में हुआ था बेअदबी का मामला
साल 2015 में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहबल कलां में गोलीकांड हुए था। जिसमें बेअदबी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर गोलियां चलाई गई थी। इस मामले में 21 अक्टूबर 2015 को अज्ञात पुलिसकर्मियों पर कत्ल और हत्या की कोशिश का केस दर्ज हुआ था।
जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन के बाद किया था सस्पेंड
साल 2018 में कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम बन गए। उसके बाद जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन बनाया गया। जिसके बाद उन्होंने 4 पुलिस कर्मियों के नाम दिए थे। जिसके बाद सरकार ने मोगा के SSP चरणजीत शर्मा, इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह और सब इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था।
सिद्धू ने शनिवार को बुर्ज जवाहर सिंह वाला जाकर अरदास की थी
कोर्ट ने मेरे हक में दिए थे आदेश : एसपी
मीडिया से बातचीत में एसपी बिक्रमजीत ने कहा कि उन्हें 15 दिन पहले बहाल किया गया है। वह इसके लिए कोर्ट में भी गए थे। जिसके बाद कोर्ट ने उनके हक में आदेश दिए थे। इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी।विरोधियों के निशाने पर सिद्धूअकाली नेताओं ने एसपी की बहाली पर सीधे पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू पर निशाना साधा है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा पूछा कि इसके लिए किसने अरदास की थी।
दरअसल, सिद्धू शनिवार को ही बुर्ज जवाहर सिंह वाला गए थे और वहां गुरूद्वारे में अरदास की थी। जिसके बाद सिद्धू ने कहा था कि बेअदबी के केस में आरोपियों को मिसाली सजा दी जाएगी। यूथ अकाली दल के प्रधान परमबंस सिंह रोमाणा ने सिद्धू पर तंज कसा कि क्या उनकी अरदास इसके लिए थी। यह शर्मनाक है।
यूथ अकाली दल के प्रधान ने सिद्धू से किया सीधा सवाल
सिद्धू और सरकार में बढ़ेगा टकराव
नवजोत सिद्धू पहले ही बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड के केस में अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। सिद्धू ने डीजीपी इकबालप्रीत सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल की नियुक्ति के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। अब इस्तीफा वापस लेने के बाद सिद्धू दोनों अफसरों को हटाने के बाद ही कांग्रेस भवन जाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में एक आरोपी अफसर को बहाल करने को लेकर फिर से सिद्धू का सरकार से टकराव बढ़ सकता है।
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