CM का पेट्रोल-डीजल पर VAT कम करने से फिर इनकार

बोले- केंद्र एक्साइज ड्यूटी और कम करे, इससे राज्यों का वैट भी कम हो जाएगा

अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

केंद्र के एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद अब डीजल-पेट्रोल पर स्टेट वैट में कमी करने की मांग उठ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद वैट कम करने से फिर इनकार कर दिया है। सीएम ने केंद्र सरकार से डीजल-पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी और कम करने की मांग उठाई है।

दो दिन पहले भी बयान जारी कर गहलोत ने यही बात कही थी। गहलोत ने फिर बयान जारी कर कहा कि मेरा सुझाव है कि पेट्रोल, डीजल और गैस से एडिशनल एक्साइज ड्यूटी, स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और सेस के रूप में जो राजस्व केंद्र सरकार इकट्ठा कर रही है, उस पर राज्य सरकारें VAT लगाती हैं। महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार को इसमें और अधिक कमी करनी चाहिए। इससे राज्यों का वैट अपने आप ही कम हो जाएगा।

गहलोत ने कहा कि हम केन्द्र सरकार से लगातार पेट्रोल, डीजल की कीमतों पर नियंत्रण और कमी करने का आग्रह करते रहे हैं। अभी 4 नवंबर को केंद्र सरकार की एक्साइज ड्यूटी को कम करने के निर्णय से राज्य का VAT भी अपने आप पेट्रोल पर 1.8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 2.6 रुपए प्रति लीटर कम हो गया। इस कमी से राज्य को VAT राजस्व में 1800 करोड़ रुपए का सालाना नुकसान हुआ है।

गहलोत ने कहा कि इस साल बजट के वक्त राज्य सरकार ने डीजल पेट्रोल पर 2 प्रतिशत VAT कम किया था, जिसके कारण 1000 करोड़ का राजस्व नुकसान हो चुका है। अब 1800 करोड़ का और नुकसान होगा। इस तरह राजस्थान को 2800 करोड़ का राजस्व कम मिलेगा।

पैसा नहीं बढ़ाने पर पाबंद करें
गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि वह तेल कंपनियों को आगे कीमतें नहीं बढ़ाने के लिए पाबंद करें। ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों में रोज-रोज होने वाली बढ़ोतरी रुके। पाबंद नहीं किया तो पहले की तरह दीपावली के बाद और 5 राज्यों के चुनाव के बाद कुछ ही दिनों में ऑयल कम्पनियां कीमत बढ़ा कर केंद्र-राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत का लाभ जीरो कर देंगी।

जीएसटी बकाया का भुगतान करे केंद्र
गहलोत ने कहा कि एक्साइज से जो हिस्सा सभी राज्य सरकारों को मिलता था, वह केंद्र सरकार ने पहले से ही कम कर दिया है। साथ ही, पहले से ही कोरोना की स्थिति के कारण राज्यों के राजस्व में भारी कमी आई है। प्रधानमंत्री जी से फिर आग्रह है कि राजस्थान का जीएसटी कम्पनसेशन का करीब 5963 करोड़ का भुगतान कराए।

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