मोदी का वैक्सीन मंत्र:हर-घर टीका, घर-घर टीका पर फोकस करें,
लोगों को जागरूक करने के लिए धर्मगुरुओं की मदद लें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को टीकाकरण में पिछड़ने वाले 40 जिलों के जिलाधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
वर्चुअल मीटिंग में मोदी ने कम वैक्सीनेशन के कारणों की समीक्षा की। मोदी ने वैक्सीनेशन का मंत्र देते हुए कहा कि हमें हर-घर टीका, घर-घर टीका पर फोकस करना है। इसके लिए धर्मगुरुओं की मदद भी ली जा सकती है। बिरसा मुंडा की जयंती आ रही है। इसके पहले हमें पूरे आदिवासी क्षेत्रों में माहौल बनाना है। ऐसी कुछ इमोशनल चीजों से हम उन्हें कनेक्ट करेंगे, ताकि आदिवासी समाज में वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड बने।
कलेक्टर्स को मोदी की हिदायत
अपने-अपने जिलों में नए-नए इनोवेटिव आइडिया अपनाएं। नई-नई तकनीकों से ही फायदा मिलेगा।जिन जिलों ने 100% लक्ष्य हासिल किया है, उनके जिलाधिकारियों से सलाह लें।माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण की रफ्तार रोकी जा सकती है।स्पेशल कैंप लगाने का विचार अच्छा है। 20-25 लोगों की टीम बनाकर ऐसा कर सकते हैं।NCC, NSA के साथियों की ज्यादा से ज्यादा मदद लें। लक्ष्य पूरा करने में इनकी मदद से फायदा मिलेगा।वैक्सीनेशन प्रोग्राम में ज्यादा से ज्यादा महिला कर्मचारियों को जोड़ें। उनसे 5-7 दिन काम कराने पर ही फर्क समझ आने लगेगा।ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें। लोगों की मदद लें। उनके छोटे-छोटे वीडियो बनाएं। धर्मगुरुओं के वीडियो पोस्ट करें।
वैक्सीनेशन का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री खुद वैक्सीनेशन सेंटर का दौरा कर चुके हैं।
पोप फ्रांसिस से मुलाकात का जिक्र किया
मोदी ने आगे कहा कि सभी धर्मगुरु वैक्सीनेशन के बहुत हिमायती हैं। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले ही वे वेटिकन में थे। पोप फ्रांसिस से उनकी मुलाकात हुई। वैक्सीनेशन पर सभी धर्मगुरु एकमत हैं। वैक्सीनेशन अभियान को अब हर घर तक ले जाने की तैयारी है।
अब हर उस घर में दस्तक दी जाएगी, जहां सभी को दोनों डोज नहीं लगे हैं। टेक्नोलॉजी से लेकर सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर का भरपूर उपयोग करना है। हमारे पास ऐसे मॉडल हैं, जिन्हें गांव से लेकर शहरों तक में अपनाया गया है। इन्हें फिर अपनाया जाना चाहिए।
दिल्ली की अस्पताल विजिट का जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें पहली के साथ-साथ दूसरे डोज पर भी ध्यान देना है। अक्सर देखा गया है कि लक्ष्य पूरे होने पर लोग लापरवाह हो जाते हैं, हमें ऐसा नहीं करना है। जब 100 करोड़ वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा हो गया तो मैं दिल्ली के अस्पताल में गया। वहां एक सज्जन बोले कि मैंने इसलिए अब तक टीका नहीं लगवाया था क्योंकि मुझे लगता था कि मैं पहलवान हूं और मुझे कुछ नहीं होगा, लेकिन जब 100 करोड़ का लक्ष्य पूरा हो गया है तो मैं भी वैक्सीन लगवा लेता हूं।
देश में अब तक 106 करोड़ से ज्यादा डोज लगीं
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक देश में मंगलवार शाम 7 बजे तक 106.85 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को कहा था कि भारत की 78% आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक और 38% को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं।
वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें स्पेशल कैंप भी लगा चुकी हैं।
देश में अभी 3 कोरोना वैक्सीन मौजूद
भारत में अभी कोरोना वैक्सीनेशन के लिए तीन वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोवीशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पूतनिक-V शामिल है। हालांकि अमेरिका की फाइजर और मॉडर्ना समेत देश में ही बनी जायकोव-D को भी इमरजेंसी यूज का अप्रूवल दिया जा चुका है, लेकिन ये तीनों वैक्सीन फिलहाल आम आदमी के लिए अवेलबल नहीं हैं।