हनागल उपचुनाव: गृह जिले में सीएम बोम्मई को झटका, कांग्रेस का जीत से बढ़ा मनोबल
बेंगलुरु. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के गृह जिले हावेरी में उन्हें हनागल (Hanagal Bypolls) में कांग्रेस (Congress) से भारी नुकसान हुआ है. इस बीच रुझान बता रहे हैं कि सिंदगी में पार्टी जीत की ओर जा रही है. हनागल उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार श्रीनिवास माने ने 7598 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार शिवराजा सज्जन को हराया है.
हनागल में बड़ा नुकसान सीएम बोम्मई के लिए एक झटके के रूप में आया है, जो मुख्यमंत्री ऑफिस में अभी 100 दिन पूरे कर रहे हैं. बोम्मई ने बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए हनागल में डेरा डाला था और एक छोटे अंतर से जीतने की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार क्षेत्र में लोकप्रिय है. लेकिन, मंगलवार के परिणामों ने बोम्मई खेमे में उत्साह को कम कर दिया है और पार्टी में उनके प्रतिद्वंद्वी चुपके से नतीजों का आनंद ले रहे हैं.
हनागल बोम्मई के पूर्ववर्ती और बीजेपी के दिग्गज नेता बीएस येडियुरप्पा का पड़ोसी निर्वाचन क्षेत्र है. अपने अचानक बाहर किए जाने के बाद येदियुरप्पा चुपचाप खामोश रहे हैं और ऐसा भी लगता है कि इस कारण ने वहां बीजेपी की हार में योगदान दिया है. रिकॉर्ड के लिए येडियुरप्पा ने प्रचार किया लेकिन आक्रामक तरीके से नहीं. इस क्षेत्र के एक अन्य महत्वपूर्ण नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार भी चुनाव प्रचार के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय नहीं थे.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नेतृत्व में पार्टी कैडर को उत्साहित करते हुए अंतिम दिन तक आक्रामक रूप से प्रचार किया गया. कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार श्रीनिवास माने की व्यक्तिगत लोकप्रियता ने भी बोम्मई को उनके घरेलू मैदान पर भारी हार दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई. माने जो 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दिवंगत सीएम उदासी से हार गए थे, उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र नहीं छोड़ा और लॉकडाउन के दौरान बहुत अच्छा काम किया.हनागल में जीत से राज्य भर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ने की उम्मीद है. बोम्मई का विरोध करने वाला बीजेपी गुट जवाबदेही की मांग कर सकता है और अगर पार्टी आने वाले दिनों में उनकी सेवाएं चाहती है तो येडियुरप्पा को भी मांगने का अवसर मिल सकता है.