दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, 4 नवंबर तक AQI और भी ‘खराब’ रहने की संभावना
नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से हवा लगातार छठे दिन जहरीली बनी हुई है. इस बीच आईएमडी वैज्ञानिक वीके सोनी (IMD Scientist VK Soni) ने कहा है कि 4 नवंबर तक हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी (Delhi Air Quality) में रहने की संभावना है. वहीं, उत्तर-पश्चिमी हवाओं और पटाखे फोड़ने के कारण 5-6 नवंबर को यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रह सकती है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगले 3 दिनों तक न्यूनतम तापमान 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
बता दें कि इस दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाएं बढ़ने के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है. जबकि सोमवार सुबह दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में था. इस दौरान सोनिया विहार में एक्यूआई 343 दर्ज किया गया, तो बवाना में 324 और मुंडिका में 303 रहा. यही नहीं, दिल्ली के 27 निगरानी केंद्रों पर भी वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के लोनी में एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया था. इसके अलावा नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हालात खराब हैं. हालांकि शाम होते-होते कुछ सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में बना हुआ है.
यह होता है प्रदूषण का पैमाना
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, तो 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
वायु प्रदूषण वैसे तो हर किसी की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है. लेकिन इसका खतरा बुज़ुर्गों, अस्थमा और दिल के पेशेंट्स के लिए और भी ज्यादा बढ़ जाता है. दरअसल जो हवा सांस के जरिये हमारे शरीर में पहुंचती है वो कारखानों, बिजली संयंत्रों, जलते कोयले, लकड़ी और वाहनों से निकलने वाले हानिकारक प्रदूषकों से दूषित होती है. इसकी वजह से सेहत को कई तरह की दिक्कतें और बीमारियां होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.