प्रियंका-जयंत की मुलाकात से अटकलें तेज, क्या गठबंधन को लेकर बढ़ेगी अखिलेश की टेंशन?
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। ऐसे में हर राजनीतिक दल और नेता की छोटी-बड़ी हर गतिविधि सुर्खियां बन रही है और उनके राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। ताजा मामला प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी की मुलाकात का है जिससे समाजवादी पार्टी की रणनीति प्रभावित होने की अटकले लग रही है। गौरतलब है कि यूपी में सपा और रालोद का गठबंधन पहले से है। ऐसे में प्रियंका गांधी ने जयंत चौधरी की मुलाकात हुई तो राजनीति के गलियारों में सवाल उठने लगे कि क्या सपा का बना बनाया गठबंधन प्रभावित हो सकता है।
यह मुलाकात रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर हुई। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बातचीत भी हुई। मुलाकात की इसकी तस्वीरें सामने आईं तो राजनीतिक गलियारों में कयासबाजी होने लगी। हालांकि यूपी सपा-रालोद का गठबंधन तय है लेकिन सीटों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है इसीलिए इस गठबंधन को लेकर अभी भी सम्भावनाएं और आशंकाएं बनी हुई हैं।
संयोग से हुई मुलाकात
वैसे लखनऊ एयरपोर्ट पर प्रियंका-जयंत की मुलाकात पहले से कोई कार्यक्रम नहीं था। यह मुलाकात महज एक संयोग बताई जा रही है। प्रियंका रविवार को गोरखपुर से प्रतिज्ञा रैली कर लखनऊ लौट रही थीं जबकि जयंत चौधरी लखनऊ में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिल्ली वापस लौट रहे थे। दोनों एक ही समय में लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे। वीआईपी लाउंच में दोनों की मुलाकात हो गई। दोनेां ने एक-दूसरे का हालचाल पूछा। इसके बाद कुछ देर तक उन्होंने बात की।हालांकि बाद में रालोद नेता शाहिद सिद्दकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस मुलाकात के राजनीतिक मायने न निकाले जाएं। कांग्रेस से हमारे रिश्ते अच्छे रहे हैं। आगे भी मुलाकातें होती रहेंगी।
हाल में एयरपोर्ट पर ही हुई थी अखिलेश-प्रियंका की मुलाकात
हाल ही में एयरपोर्ट पर ही अखिलेश-प्रियंका की भी मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात को लेकर भी काफी अटकलें लगने लगी थीं हालांकि बाद में अखिलेश यादव ने कांग्रेस को भाजपा जैसी पार्टी बताकर इन अटकलों पर काफी हद तक खुद ही विराम लगा दिया। लेकिन प्रियंका और जयंत की मुलाकात को लेकर इसलिए चर्चा तेज है क्योंकि यूपी में कांग्रेस लगातार एक मजबूत सहयोगी की तलाश में है। प्रदेश में कांग्रेस के पर्यवेक्षक और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश सिंह बघेल ने हाल ही में छोटे दलों को ऑफर दिया था।