पीएम मोदी ने इटली में उठाया ‘अफगानिस्तान संकट’ का मुद्दा, आज इन से होगी मुलाकात
रोम. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात को अलग कर नहीं देखना चाहिए और अतंरराष्ट्रीय समुदाय को बहुत ध्यान से युद्धग्रस्त देश से आने वाली धमकी और खतरे को देखना चाहिए. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को वेटिकन सिटी में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस (Pope Francis) से अकेले में मुलाकात करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इस दौरोन कोविड-19 जैसे मामलों के संबंध में वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा होगी.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जी-20 सम्मेलन से इतर इटली के अपने समकक्ष मारियो ड्रैगी से पहली आमने सामने की मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान समस्या के मूल की ओर ध्यान दिलाया जिसपर वास्तव में गौर करने की जरूरत है और जो कट्टरवाद, चरमपंथ और आतंकवाद है एवं इनके नतीजों को बहुत सतर्कता से मूल्यांकन करने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि दो दशक की महंगी लड़ाई के बाद अमेरिका ने 31 अगस्त को अफगानिस्तान से वापसी की लेकिन उससे करीब दो सप्ताह पहले ही तालिबान ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर कहा कि अफगानिस्तान के हालात को अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुशासन में असफलता और अक्षमता, स्थिति से निपटने में अक्षमता और उसके प्रति रुख भी आत्मचिंतन का विषय है.
अधिकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाली धमकी या खतरा कुछ ऐसा है जिसपर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बहुत सतर्क होकर गौर करने की जरूरत है. श्रृंगला ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर मजबूत भावना है जिसे यूरोपीय संघ और इटली के दोनों साझेदार समझते हैं. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने उन भावनाओं का आदान-प्रदान किया और महसूस किया है यह कुछ ऐसा है जिसपर गौर करने की जरूरत है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान मानवीय स्थिति पर जोर रहा और इतालवी प्रधानमंत्री ने जी-20 सम्मेलन के दौरान उनकी कोशिशों का संदर्भ दिया जिसमें अफगानिस्तान के लिए समर्थन को बढ़ाना शामिल है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि अफगानिस्तान के लोग मौजूदा स्थिति के दुष्प्रभाव का सामना नहीं करें. श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि अफगानिस्तान पर शासन करने वाले और वहां के लोगों में अंतर करना चाहिए और वहां के लोगों को मानवीय सहायता की पेशकश की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सुश्चित करने की जरूरत है कि अफगानिस्तान में सीधे और निर्बाध मानवीय सहायता पहुंचे.
इटली में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए विदेश सचिव श्रृंगला ने शुक्रवार को बताया, ‘प्रधानमंत्री अलग से मुलाकात करेंगे. वह परम आदरणीय पोप से पहले व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे और उसके कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी.’
श्रृंगला ने बताया कि वेटिकन ने वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है. ‘मेरा मानना है कि पंरपरा है कि जब परम आदरणीय (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं. मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है चर्चा में शामिल होंगे.’ उन्होंने कहा, ‘कोविड-19, स्वास्थ्य के मुद्दे, कैसे हम साथ काम कर सकते हैं…ये कुछ विषय हैं जिनपर मेरा मानना है कि आमतौर पर चर्चा होगी.’