Uttarakhand: अमित शाह ने मौतों की पुष्टि, बोले – ‘समय से अलर्ट मिलता तो इतना नहीं होता नुकसान’

देहरादून. ‘लापता हुई दो ट्रेकिंग टीमों में से एक लोकेट कर लिया गया है. नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी में रास्ते खुल गए हैं. पावर स्टेशन जल्द बहाल होंगे और उत्तराखंड के 80 फीसदी हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क चालू हो चुका है.’ उत्तराखंड में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में एरियल सर्वेक्षण पूरा करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ये बातें तब कहीं, जब वह एयरपोर्ट स्थित स्टेट गेस्ट हाउस में उच्च स्तरीय मीटिंग के बाद मीडिया से मुखातिब हुए. समीक्षा बैठक के बाद अमित शाह ने बड़ा बयान यह दिया कि अगर समय से भारी बारिश का अलर्ट मिला होता तो नुकसान को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता था. शाह ने चार धाम यात्रा के दोबारा शुरू हो जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने राज्य और केंद्र के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में प्राकृतिक आपदा को लेकर चर्चा की.

कोई पर्यटक नहीं मारा गया : अमित शाह
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण बने हालात में अब तक किसी भी टूरिस्ट के न मारे जाने का दावा करते हुए शाह ने बताया कि 3500 से ज़्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है और 16,000 से ज़्यादा को सुर​क्षित स्थान पर पहुंचाया गया. यही नहीं, शाह के मुताबिक 17 एनडीआरएफ टीमें, 7 एसडीआरएफ टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां और पुलिस के 5000 से ज़्यादा कर्मचारी तैनात हैं.

अमित शाह के बयान को एएनआई ने सिलसिलेवार ट्वीट के ज़रिये प्रकाशित किया.
इससे पहले शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हवाई सर्वेक्षण कर राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन से हुए नुकसान का जायज़ा लिया. अमित शाह के देवप्रयाग, पौड़ी, रामनगर, रामगढ़, रुद्रपुर और हल्द्वानी के हवाई सर्वेक्षण के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, अजय भट्ट, सीएम धामी, धन सिंह रावत और मुख्य सचिव एसएस संधू भी साथ रहे. इसके बाद शाह और धामी सीधे जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे, जहां अधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक की.

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