लखीमपुर खीरी हिंसा पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, निष्पक्ष जांच की मांग के लिए दायर की थी PIL
तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी इलाके में हुई हिंसा में आज सुपीर्म कोर्ट सुनवाई करेगा. यहां हुई हिंसा में 4 किसानों और एक पत्रकार समेत कुल 10 लोग मारे गए थे। अदालत ने मामले को स्वत: ही संज्ञान लिया और पिछली सुनवाई में जांच में असंतोषजनक प्रगति के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की खिंचाई भी की। बता दें कि एक केंद्रीय मंत्री का बेटा भी इस घटना के मुख्य आरोपियों में शामिल है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई घटना में आरोपी होने के छह दिन बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोप लगाया कि आरोपी की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई में देरी की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में राज्य सरकार द्वारा की गई जांच पर अपना असंतोष व्यक्त किया था और यूपी सरकार को अपने राज्य के पुलिस प्रमुख को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने के लिए कहा था कि जब तक कोई अन्य एजेंसी अपने हाथ में जांच नहीं ले लेती है, तब तक मामले में सबूत सुरक्षित रहने चाहिए।
लखीमपुर खीरी की घटना के मामले में वर्तमान में योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है जो मामले की जांच कर रही है। एसआईटी ने मंगलवार को एक एसयूवी के पास खड़े छह लोगों की तस्वीरें जारी कीं है। टीम ने आश्वासन दिया है कि इन लोगों के बारे में सूचना देने वालों के ब्योरे का खुलासा नहीं किया जाएगा इसके अलावा मुखबिरों को उचित इनाम दिया जाएगा।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अब तक आशीष मिश्रा समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसानों का आरोप है कि घटना के दौरान लोगों के समूह को कुचलने वाली एक गाड़ी में मिश्रा मौजूद थे। हालांकि, केंद्रीय मंत्री का बेटा इस आरोप से इनकार करता है और दावा करता है कि वह उस समय बनबीरपुर गांव में एक कुश्ती कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मौजूद था।