कांग्रेस की रणनीति और वादों में ही रह गए किसान? दो साल से खाली यह पद
कांग्रेस खुलकर किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। किसानों के आंदोलन के समर्थन में पार्टी किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। पार्टी शासित राज्यों में खुद को किसानों का सबसे बड़ी हितैषी साबित करने की होड़ है। इसके बावजूद पार्टी दो साल से कोई किसान नेता नहीं तलाश कर पाई है, जो पार्टी की किसान एवं खेत मजदूर कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल सके।
किसान एवं खेत मजदूर कांग्रेस अध्यक्ष का पद पिछले करीब दो साल से खाली है। कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में चल रहे किसान आंदोलन के बावजूद पार्टी को किसान कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त करने की फुर्सत नहीं मिली है। जबकि किसान पार्टी की राजनीति के केंद्र में है। हर चुनावी राज्य में पार्टी किसानों की ऋण माफी और कृषि कानूनों को रद्द करने का वादा कर रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने दिसंबर 2019 को किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद अभी तक नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है। जबकि पार्टी में लगातार नियुक्तियों का सिलसिला जारी है। चुनावी राज्यों के साथ दूसरे प्रदेशों में भी बदलाव हो रहे हैं। पर पार्टी किसान कांग्रेस का नया अध्यक्ष नहीं तलाश कर पाई है।
किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने नाना पटोले के बाद कुछ सक्रियता दिखाई। पर अपने पिता के निधन के बाद सोलंकी ने पालम 360 खाप के प्रधान की जिम्मेदारी संभाल ली। इसके बाद वह लगातार खाप का काम संभाल रहे हैं। पार्टी मुख्यालय में स्थित किसान कांग्रेस के दफ्तर में कोई नेता बैठने वाला नहीं है, इसलिए दफ्तर में दूसरे विभाग के जुड़े पदाधिकारी बैठ रहे हैं।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर जल्द नियुक्ति होनी चाहिए। क्योंकि इससे यह संदेश जाता है कि पार्टी किसानों की बात जरूर करती है, पर वह किसानों को लेकर बहुत गंभीर नहीं है। दो साल से किसान कांग्रेस में कोई अध्यक्ष तक नहीं है। बकौल उनके, पार्टी नेतृत्व को इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए जल्द नियुक्ति करनी चाहिए।