37 साल बाद चुनाव से डिप्टी स्पीकर बने नितिन अग्रवाल
विधानसभा में सपा के कैंडिडेट नरेंद्र को 244 वोटों से हराया
नितिन अग्रवाल को कुल 304 वोट मिले।
भाजपा समर्थित सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल ने यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर पद का चुनाव जीत लिया है। उन्हें 304 वोट मिले। जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा से महमूदाबाद सीट से विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को 60 वोट मिले। सुबह 11 बजे से 3 बजे तक कुल 368 वोट पड़े थे। चार वोट इनवैलिड निकले। डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।
यूपी में यह पद 2007 से खाली चल रहा था। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजेश अग्रवाल 2007 में आखिरी डिप्टी स्पीकर थे। वहीं, आज 1984 का इतिहास भी दोहराया गया। तत्कालीन सरकार में वोटिंग के जरिए डिप्टी स्पीकर चुना गया था।
नवनियुक्त डिप्टी स्पीकर नितिन अग्रवाल सदन में सदस्यों का अभिवादन करते हुए।
कांग्रेस ने वोटिंग का किया बहिष्कार
सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू हुई, जो हंगामेदार रही। सत्र की शुरुआत में सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने डिप्टी स्पीकर के चुनाव का विरोध किया। वहीं, कांग्रेस ने वोटिंग का बहिष्कार कर दिया। इसके लिए सुबह 11 बजे से 3 बजे तक वोटिंग हुई। बागी विधायक राकेश सिंह, अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से इतर जाकर वोटिंग की है। इसका कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं, बसपा के तीन बागी विधायकों ने भी वोटिंग किया है।
योगी बोले- 2022 के चुनाव की तस्वीर साफ हुई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘विपक्ष के द्वारा यह प्रस्ताव पहले दे दिया गया होता तो अच्छा होता। मैं जानता हूं कि यह कहेंगे कि चुनाव में गड़बड़ी हुई। जब लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में फैसला आता है। तो ईद ईवीएम को दोषी ठहराते हैं।
मुझे लगता है कि 2022 विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी सामने आ चुकी है। बहुत शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव पूर्ण हुआ है। मैं देख रहा था। सुबह से विपक्ष के नेताओं को मालूम था कि यहां परिणाम क्या होने जा रहा है? 2022 में भी परिणाम क्या होने जा रहा है।’
हरदोई सदर से विधायक हैं नितिन
नए डिप्टी स्पीकर नितिन अग्रवाल पूर्व मंत्री नरेश अग्रवाल के बेटे हैं। 2008 में नरेश अग्रवाल सपा छोड़ बसपा में चले गए थे और हरदोई सदर की सीट अपने पुत्र नितिन अग्रवाल को सौंप दी थी। उपचुनाव में बसपा से नितिन अग्रवाल 65,533 वोट पाकर विधायक बने थे। नए विधानसभा के परिसीमन के बाद 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले दिसंबर 2011 में नरेश अग्रवाल फिर सपा में आ गए और 2012 में नितिन अग्रवाल को सपा ने उम्मीदवार बनाया तो उन्होंने 1,10,063 मत हासिल कर रिकार्ड जीत हासिल की थी। 2017 में समाजवादी पार्टी ने फिर नितिन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया और भाजपा के राजबक्श सिंह को हराया था।
लेकिन पिता नरेश अग्रवाल भाजपा में चले गए तो बेटे का भी झुकाव उसी ओर हो गया। सपा ने उनके बागी होने की स्थिति में दलबदल कानून के तहत नितिन की सदस्यता रद्द करने की याचिका विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के समक्ष दायर की। लेकिन अध्यक्ष ने सपा की याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज होने के बाद ही भाजपा ने अब नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष पद बनाने का फैसला लिया। क्योंकि बीते 5 साल में सपा से आए नरेश अग्रवाल को भी भाजपा में कुछ हासिल नहीं हुआ। वे अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इधर विधानसभा चुनाव निकट है, ऐसे में भाजपा नितिन के जरिए नरेश अग्रवाल की नाराजगी को दूर करने के साथ वैश्य वोटों को साधने का प्रयास किया है।
CM ने कल्याण सिंह को किया नमन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में शोक प्रस्ताव पटल पर रखा।
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम कल्याण सिंह के निधन का शोक प्रस्ताव पटल पर रखा। कहा, ‘1962 में पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों से प्रभावित होकर स्व कल्याण सिंह ‘बाबू जी’ सार्वजनिक जीवन से जुड़े। बाबू जी ओजस्वी वक्ता व कुशल राजनेता थे। 6 दशक के सार्वजनिक जीवन में उन्होंने उच्च मापदंड स्थापित किए।’
सत्र से पहले कांग्रेस ने विधानसभा में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, एमएलसी दीपक सिंह, विधायक आराधना मिश्रा ने चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया।
मौजूदा समय में विधानसभा में सदस्यों की संख्या
दलसीटभाजपा304सपा49बसपा16अपना दल (एस)09कांग्रेस07सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी04राष्ट्रीय लोक दल01निर्बल इंडियन शोषित समाज01नॉमिनेटेड01बिना पार्टी वाले02रिक्त07
उपाध्यक्ष संसदीय परंपरा के मुताबिक विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल का होना चाहिए। भाजपा नितिन अग्रवाल को मैदान में उतारकर यह जताना चाहती है कि उसने संसदीय परंपरा का निर्वहन करते हुए सपा के ही विधायक का चयन किया है।
विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने अपने विधानसभा बांसडीह क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जलशक्ति विभाग के मंत्री महेंद्र सिंह को ज्ञापन दिया। चौधरी ने कहा कि नदी की कटान से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। इसका समाधान होना चाहिए।
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