बिलासपुर में देर रात विसर्जन के दौरान डीजे जब्त करने पर भड़कीं; कहा- पूरे शहर में कराएं बंद
दुर्गा प्रतिमा के साथ धरने पर बैठी महिलाएं
सिविल लाइन थाने में धरने पर बैठी महिलाएं और स्थानीय लोग।
बिलासपुर के तालापारा में विसर्जन के लिए दुर्गा प्रतिमा लेकर निकली महिलाओं के डीजे को सिविल लाइन पुलिस जब्त कर लिया। इससे महिलाओं का आक्रोश भड़क गया। पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाती हुईं महिलाएं और युवक दुर्गा प्रतिमा लेकर थाने पहुंच गए। फिर डीजे वाहन को छोड़ने की जिद पर अड़े रहे। आखिरकार, टीआई शनिप रात्रे ने महिलाओं को समझाइश दी और कम आवाज में डीजे बजाने की शर्त पर छोड़ दिया।
तालापारा नूरानी मस्जिद के पीछे महिला आरोग्य समिति की सदस्य व युवक व मोहल्ले वासी दुर्गा प्रतिमा विसर्जित करने निकले थे। डीजे की धुन पर थिरकतीं महिलाओं की टीम को देखकर पुलिस वहां पहुंच गई। मगरपारा चौक पर पुलिस ने डीजे वाहन जब्त कर लिया और थाने आ गई। इस पर महिलाएं भी पीछे-पीछे दुर्गा प्रतिमा लेकर थाने पहुंच गई। इस दौरान महिलाओं की भीड़ डीजे वाहन को छोड़ने की मांग कर रहीं थीं।
डीजे नहीं छोड़ने पर महिलाएं थाने में ही धरने पर बैठीें
थाने में महिलाओं को सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने सीएसपी मंजूलता बाज से फरियाद लगाई, लेकिन, उन्होंने भी मामले की जांच करने की बात कह दी। इसके बाद महिलाएं भड़क गईं और दुर्गा प्रतिमा के साथ थाने परिसर में ही धरने पर बैठ गई। नाराज महिलाओं का कहना था कि पूरे शहर में बड़े बड़े पावरजोन डीजे बज रहा है। फिर भी पुलिस उनके ही डीजे को जब्त कर ले आई है। पुलिस नियम की बात कह रही है तो पूरे शहर में डीजे बंद कराए।
दरअसल, प्रशासन ने रविवार रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। दशहरा उत्सव के दूसरे दिन शनिवार शाम से लेकर रविवार सुबह रात तक दुर्गा प्रतिमा विसर्जित करने दौर चला। इस दौरान पूरी रात शहर में जगह-जगह तेज आवाज डीजे की धुन पर युवक थिरकते रहे। शनिवार को डीजे उपलब्ध न हो पाने के कारण कई जगह रविवार की शाम से लेकर देर रात तक दुर्गा प्रतिमा विसर्जित की जाती रही।
ड्रोन से निगरानी करने की निकली हवा
पुलिस अफसरों ने दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शनिवार को आधा दर्जन से अधिक ड्रोन की व्यवस्था करने का दावा किया था। इस दौरान पूरी रात शहर में एक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का दौर चलता रहा। हर जगह बड़े-बड़े डीजे बजते रहे। वहीं, रविवार को पुलिस दिखावे की कार्रवाई करती नजर आई। ड्रोन से पुलिस की ऐसी निगरानी चली कि चाकूबाजी जैसी घटनाएं हो गई और हमलावर फरार हो गए।
आदेशों की उड़ती रही धज्जियां, तमाशबिन बनी रही पुलिस
दरअसल, शहर में डीजे उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोजक अपनी सुविधा के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। पुलिस अफसर व थानेदारों की निष्क्रियता के चलते ऐसे तत्वों पर सख्ती नहीं बरती जा रही है। दुर्गा प्रतिमा विसर्जित करने के लिए पुलिस प्रशासन को पहले से ही दुर्गोत्सव समितियों के पदाधिकारियों की बैठक लेकर उन्हें हिदायत दी जानी चाहिए थी। लेकिन, रविवार को अचानक डीजे बैन का आदेश जारी किया गया।
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