ISI की महिला एजेंट ने सैन्यकर्मी को ऐसे फंसाया:फोटो भेजकर रिझाया,
खुद को इंग्लैंड में रिसर्च स्कॉलर बताया; शादी का वादा भी कर लिया
जोधपुर में बैठकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला सैन्यकर्मी राम सिंह जयपुर में इंटेलिजेंस की रिमांड पर है। सूत्रों के मुताबिक पड़ताल में सामने आया है कि राम सिंह ने सेना से जुड़ी कई महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारियां ISI एजेंट को वॉट्सएप के जरिए भेजी हैं। राम सिंह अफसरों की फाइल लाने, ले जाने का काम करता था।
सूत्रों के मुताबिक 25 अगस्त को राम सिंह ने पहली बार महिला एजेंट को वॉट्सऐप पर मैसेज कर संपर्क किया। महिला एजेंट के पूछने पर राम सिंह ने अपना असली नाम छिपाते हुए खुद को राजबीर बताया। उसने माउंटआबू के बजाए खुद को गुजरात के अहमदाबाद का रहने वाला बताया।
सूत्रों के मुताबिक शुरुआती दिनों की चैटिंग में राम सिंह ने महिला एजेंट का नाम पता पूछा तो पाक महिला जासूस ने भी अपना नाम नेहा बताया। उसने बताया कि वह हरियाणा की रहने वाली है और इंग्लैंड में रिसर्च स्कॉलर है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक व राजनीतिक संबंधों पर रिसर्च कर रही है। महिला जासूस राम सिंह से चैटिंग के दौरान दो नंबरों से चैटिंग करती थी। इनमें एक मोबाइल नंबर विदेशी और दूसरा भारतीय था।
रिसर्च में जरूरत बताकर मांगती थी जानकारी
महिला जासूस ने राम सिंह को हनीट्रैप का शिकार बनाया। उससे प्यार और शादी की बातें करने लगी। एजेंट ने राम सिंह से भारत आकर शादी करने का वादा भी किया। वह अक्सर उसे फोटो भेजती थी। इन सुंदर तस्वीरों को राम सिंह ने असली समझा और जाल में फंसता चला गया। इस बीच महिला जासूस ने रिसर्च के नाम पर राम सिंह से भारतीय सेना के सामरिक महत्व के दस्तावेज व जानकारियां मांगना शुरू कर दी।
इस तरह करता रहा जासूसी
राम सिंह मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। उसका काम मिलिट्री दस्तावेजों की फोटो कॉपी करना, सेना से जुड़े दस्तावेजों की फाइलों को ऑफिस में अफसरों व कर्मियों को देना था। इस बीच वह मौका पाकर अपने मोबाइल फोन में इनकी फोटो खींच लिया करता था। इन्हीं फोटो को वह पाक महिला एजेंट को भेज देता। रिमांड के दौरान पूछताछ की जा रही है कि राम सिंह ने सामरिक महत्व के कौन-कौन से दस्तावेज पाकिस्तानी महिला जासूस को भेजे।
दोस्त के मार्फत मिले थे महिला एजेंट के मोबाइल नंबर
माउंटआबू में दिलवाड़ा थाना इलाके में गोवा गांव के रहने वाले राम सिंह को करीब दो महीने पहले एक दोस्त के मार्फत पाकिस्तानी महिला एजेंट के मोबाइल नंबर मिले थे। राजस्थान से बाहर रहने वाला उसका दोस्त भी महिला एजेंट को भारतीय समझकर बातचीत करता था।
बताया जा रहा है कि यह मोबाइल सिम उड़ीसा से जारी हुई थी। दोस्त को मोबाइल पर बातचीत करते देखा तो रामसिंह ने भी नंबर ले लिए। इसके बाद उसने भी चैटिंग शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि जिस युवक ने नंबर दिए। वह भी पकड़ा गया है।
लगातार निगरानी के बाद मंगलवार को जोधपुर में पकड़ा था
महानिदेशक (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि राम सिंह (30) मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में है और अभी जोधपुर जोन में एमईएस के अधीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। वह पिछले कई दिनों से गुप्तचर एजेंसियों के राडार पर था। लगातार निगरानी कर इंटेलीजेंस द्वारा प्राप्त इनपुट के आधार पर मंगलवार को जोधपुर से पकड़ा गया।
संयुक्त रुप से सभी एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बाद उसे जयपुर लाया गया। यहां उसके मोबाइल फोन का तकनीकी विश्लेषण किया गया। तब कई अश्लील चैटिंग और भारतीय सेना की सामरिक महत्व के दस्तावेज भेजने के सबूत सामने आए।
राम सिंह को शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गुरुवार शाम को जयपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। डीएसपी हरिचरण मीणा की टीम ने रामसिंह को कोर्ट में पेशकर शुक्रवार को दो दिन के रिमांड पर लिया।
दो दिन के रिमांड में की जा रही है पूछताछ
रिमांड में पूछताछ कर पता लगाया जाएगा कि पिछले पौने 2 महीनों में पाकिस्तान की आईएसआई महिला एजेंट को राम सिंह ने कौन-कौन सी सामरिक महत्व की सूचनाएं भेजी थी। ये सूचनाएं वॉट्सऐप चैटिंग के अलावा किन माध्यमों से भिजवाईं।
भारतीय सेना से जुड़ी सामरिक महत्व के दस्तावेज व अन्य जानकारियां इकट्ठा करने में वह सिर्फ अकेला ही शामिल था या फिर किसी और का भी उसने सहयोग लिया। राम सिंह और महिला एजेंट के बीच वॉट्सऐप चैटिंग में क्या-क्या बातचीत हुई, इसका डेटा भी खंगाला जाएगा। उसके बैंक खातों का भी रिकॉर्ड खंगाला किया जाएगा।
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