BSF के अधिकार पर पंजाब में बंटी कांग्रेस:जाखड़ का इशारों में चन्नी सरकार पर हमला
कहा- अपनी विफलता के लिए सुरक्षा बलों का उपयोग न करें
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़। फाइल फोटो
सीमा सुरक्षा बल (BSF) को मिले अधिकार के बाद पंजाब में कांग्रेस बंट गई है। सीएम चरणजीत चन्नी और उनके मंत्रियों ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। वहीं, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने इशारों में अपनी ही सरकार पर हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि नेताओं और सरकार की विफलताओं के लिए सुरक्षा बलों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी तारीफ कर डाली।
सियासी माहिर उनके बयान को इस तरह से समझ रहे हैं कि पंजाब में सीमा पार से हो रही साजिश को रोकने में मौजूदा सरकार और कांग्रेस नेतृत्व सक्षम नहीं है। यह पहला मौका नहीं है क्योंकि जाखड़ ने बुधवार को भी एक ट्वीट कर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी पर निशाना साधा। सीएम चन्नी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बारे में जाखड़ ने कहा कि किसी से कुछ भी मांगते हुए बहुत सावधानी रखनी चाहिए। सीएम चन्नी कुछ दिन पहले शाह से मिले थे। जिसमें सीमा पार से नशा और हथियार की तस्करी को रोकने के लिए बॉर्डर सील करने की मांग की थी।
जाखड़ ने अकाली दल के बहाने राज्य सरकार का इशारा दिया
सुनील जाखड़ ने कहा कि हमें अपने सुरक्षाबलों पर गर्व है, जो हर समय देश की सीमाओं की सुरक्षा और विदेशी हमलावरों से भारत की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात रहते हैं। नेताओं और सरकार द्वारा विफलताओं को छिपाने के लिए सुरक्षा बलों का इस्तेमाल करना गलत है। इससे न केवल हमारे वीर सुरक्षाबलों की बदनामी होती है बल्कि उनके मनोबल और तैयारियों पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सुरक्षाबलों को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने को भी गलत बताया। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से ज्यादा इस पूरे मामले को कोई और नहीं समझ सकता। उनका यह ट्वीट पंजाब की चन्नी सरकार के लिए ही है, इसके लिए उन्होंने अकाली दल का मामला उठाया। जिसमें उन्होंने कहा कि अकाली दल ने अपनी सरकार के वक्त खुद की विफलताओं के लिए बीएसएफ के खिलाफ धरना दिया था जबकि वह बीएसएफ के अधिकारियों से मिलने गए थे।
पहले चन्नी की घेराबंदी कर सवाल उठाए थे
इससे पहले भी सुनील जाखड़ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीएसएफ को अधिकार देने के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की घेराबंदी की थी। उन्होंने न केवल चन्नी को सावधान किया बल्कि उन पर सवाल तक खड़े कर दिए। सीएम चन्नी ने सरहद पार से नशे व हथियारों की तस्करी रोकने के लिए सीमाएं सील करने की मांग की थी। जिसके बाद BSF का अधिकार बढ़ाने का फैसला आ गया। सियासी तौर पर सीएम चन्नी के लिए यह बड़ा झटका था। सुनील जाखड़ ने इसी मामले को लेकर ट्वीट किया कि किसी भी तरह की मांग करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने अनजाने में ही आधा पंजाब केंद्र सरकार के हवाले कर दिया है। इस तरह पंजाब के कुल 50 हजार किलोमीटर के एरिया में से 25 हजार किलोमीटर को बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के अंदर लाया गया है। इस फैसले से पंजाब पुलिस के अधिकार छीने गए हैं। उन्होंने सवाल पूछा कि क्या अभी भी हम राज्यों के लिए और अधिकार की मांग करेंगे।
मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे जाखड़
पंजाब में संगठन और सरकार के नेतृत्व को लेकर जाखड़ की दोहरी नाराजगी है। पहले बिना किसी वजह के जाखड़ को हटाकर नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बना दिया गया। इसके बाद जब कांग्रेस हाईकमान पंजाब में उन्हें मुख्यमंत्री बना रही थी तो कुछ विधायकों ने सिख स्टेट का मुद्दा बनाकर यह मौका भी छीन लिया। जिसकी वजह से जाखड़ नाराज चल रहे हैं।
कैप्टन की तारीफ, चन्नी के अनुभव पर उठा चुके थे सवाल
सुनील जाखड़ का कैप्टन अमरिंदर सिंह की तारीफ करना यूं ही नहीं है। कैप्टन अमरिंदर को हटाकर जब चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो उन्होंने सीएम चन्नी से कोई शिकवा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह अच्छे मंत्री रहे हैं लेकिन पंजाब में सीमा पार से नशा और हथियार तस्करी रोकने के मामले में उन्हें अनुभव नहीं है। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मुखर रहे हैं और सुरक्षा बलों के साथ खड़े रहते हैं। उसके लिए वह कई बार कांग्रेस हाईकमान की लाइन के खिलाफ भी बयान देने से पीछे नहीं हटे। इस वक्त वह पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। वहीं, कांग्रेस हाईकमान पर भी वह सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में जाखड़ का अमरिंदर की तारीफ करना कांग्रेस के भीतर चल रही नई कलह को स्पष्ट उजागर करता है।
खबरें और भी हैं…