दिल्ली में इस बार छठ पूजा होगी या नहीं? जानें कौन किस पर लगा रहा क्या आरोप
दिल्ली में छठ पूजा आयोजन को लेकर सियासत तेज हो गई है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद अब दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी जी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. इस पत्र में मनोज तिवारी ने लिखा है कि यदि आप की दिल्ली सरकार वास्तव में गंभीर होती तो सितंबर के महीने में ही प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने से पहले दिशानिर्देश मांग लेती. मनोज तिवारी ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि आप लगातार हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करते रहे हैं और दिल्ली में आप कट्टरपंथी मुस्लिम तुष्टिकरण के दोषी हैं.
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, त्यौहारों के लिए पहले ही केंद्र और हर राज्य की एसओपी है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय छठ के लिए अलग से कोई एसओपी जारी नहीं करेगी. स्वास्थ्य मंत्रालय की अपनी भी कोरोना को लेकर गाइडलाइंस हैं. इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए , हम सब कोरोना के ख़िलाफ़ मिलकर लड़ रहे हैं. अभी भी कोरोना गया नहीं है. तीसरी वेव आएगी या नहीं ये हमारे व्यवहार पर बहुत हद तक निर्भर करता है. इसलिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहे.
उधर, छठ पूजा पर दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि बीजेपी छठ नहीं करवाती थी. उन्होंने बताया कि आखिरी छठ कांग्रेस ने 68 जगह पर और हमारी सरकार ने 1000 जगहों पर करवाई थी. कोरोना के बाद छठ ना कराने को लेकर दिशा निर्देश आए. इस बार भी यही निर्णय डीडीएमए ने लिया. बीजेपी जिस तरह छठ को लेकर राजनीति कर रही है. कल डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखा है कि छठ पूजा हो.
मनोज तिवारी की चिट्ठी पर गोपाल राय ने कहा कि उनको बीजेपी ने साइड किया है उसके बाद से वो उछलकूद कर रहे हैं. मनोज तिवारी अपने केंद्रीय मंत्रियों से बात क्यों नहीं करते हैं? पूर्वांचल के लोगों का काम और सम्मान हम करते हैं.
राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को जारी एसओपी में क्या है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयकी तरफ से 21 मई को जारी नई कोविड गाइडलाइन के अनुसार, केंद्र ने कोरोना को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी और कुछ नए नियम जारी किए थे. स्वास्थ्य सचिव ने कहा था कि कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किए जाने वाले क्षेत्र और ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना संक्रमण दर 5 प्रतिशत से अधिक है वहां सामूहिक समारोह से बचना होगा. जिन क्षेत्रों में संक्रमण दर 5 प्रतिशत से कम होगी वहां कार्यक्रम के आयोजन से पहले अग्रिम अनुमति लेना जरूरी होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अगले दो महीने साप्ताहिक मामले की सकारात्मकता दर के आधार पर क्षेत्रों में छूट और प्रतिबंध लगाए जाएंगे.