चीन में बिजली संकट जिनपिंग सरकार की ”साजिश” ! फैक्ट्रियों का काम हुआ ठप्प

बीजिंगः  चीन में  बड़े बिजली संकट के चलते हालात बेहद खऱाब हैं। चीन में बिजली की खपत सामान्य दर से लगभग दो गुना बढ़ रही है, जबकि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऊर्जा के इसी इस्तेमाल को कम करने की कोशिश कर रही है   देश के  कई हिस्सों में  जहां ओद्योगिक इकाइयां ठप्प हैं वहीं  लोग स्मार्टफोन की फ्लैशलाइट की मदद से घर के काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की तरह ही चीन को भी कोयले  के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल कोयले के उत्पादन में कमी के साथ ही इसकी मांग तेजी से मांग बढ़ रही है जबकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि   साजिश के तहत ही जिनपिंग सरकार ने बिजली संकट खड़ा किया है। 

 

चीन ऐसे वक्त पर बिजली कटौती कर रहा है, जब 12-13 अक्टूबर को कुनमिंग (चीनी शहर) में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन होने वाला है  जिसमें कई वैश्विक नेता हिस्सा लेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस बैठक की मेजबानी करेंगे। बिजली कटौती करके वह ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि चीन उत्सर्जन और ऊर्जा से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने पर कायम है।  अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि आधिकारिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिकारियों पर ऊर्जा के इस्तेमाल को कम करने का दबाव है। चीन में विनिर्माण से जुड़ा काम करने वाली फैक्ट्रियों को एक हफ्ते के लिए उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया है जिससे स्मार्टफोन और अन्य सामानों की वैश्विक आपूर्ति बाधित हो सकती है। 

 

लोग सोशल मीडिया पर सरकार से समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने का आग्रह कर रहे हैं।  जिलिन प्रांत की सरकार ने कोयले की कमी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है । यहां की सरकार ने सोमवार को एक बयान में कहा कि गवर्नर अतिरिक्त आपूर्ति के लिए पास के मंगोलिया में खदानों के इलाके का दौरा करेंगे। चीन के सबसे बड़े विनिर्माण केंद्र ग्वांगडोंग प्रांत की सरकार ने जलविद्युत जलाशयों में ऊर्जा उपयोग सीमा और निम्न जल स्तर दोनों को बिजली कटौती का कारण बताया है, जो प्रांत को बिजली का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करते हैं।

Related Articles

Back to top button