जम्मू में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के एक सदस्य को नौकरी और 50 लाख रुपए देने का किया ऐलान
चंडीगढ़. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने जम्मू के पुंछ में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पंजाब के तीन जवानों शहीद नायब सूबेदार जसविन्दर सिंह सेना मैडल (Naib Subedar Jaswinder Singh Sena Medal), नायक मनदीप सिंह (Naik Mandeep Singh) और सिपाही गज्जन सिंह (Sepoy Gajan Singh) के परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी और 50-50 लाख रुपए की एक्स-ग्रेशिया ग्रांट देने का ऐलान किया है. पंजाब के शहीदों में नायब सूबेदार जसविंदर सिंह कपूरथला के गांव माना तलवंडी, सिपाही गज्जन सिंह रोपड़ के गांव पंचरंडा व सिपाही मनदीप सिंह बटाला के गांव चट्ठा के हैं. जम्मू के पुंछ में आतंकियों ने सोमवार तड़के घात लगा आर्मी टीम पर हमला कर दिया था. इसमें सेना के जेसीओ समेत 5 जवान शहीद हो गए थे.
बहादुर सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शूरवीरों की तरफ से देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए दिखाई गई समर्पण भावना और यहां तक कि अपनी जिन्दगियां खतरे में डाल देने का साहस बाकी सैनिकों को अपनी ड्यूटी और भी शिद्दत और वचनबद्धता के साथ निभाने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
पुंछ में बटाला के गांव चट्ठा के जवान मनदीप सिंह (30) 11 सिख रेजीमेंट की 16 आरआर में तैनात थे. उनके दो बेटे हैं, एक साढ़े 3 साल का मनजातदीप सिंह, तो दूसरा मंगलवार को सवा महीने का होगा. शहीद मनदीप 20 दिन पहले ही छुट्टी काट कर लौटे थे. शहीद के बड़े भाई भी फौज में हैं, जबकि छोटा भाई विदेश में है. शहीद जेसीओ जसविंदर सिंह (39) कपूरथला के गांव माना तलवंडी के हैं.
जसविंदर की माता के बीमार रहने के कारण उन्हें घटना के बारे में बताया नहीं गया है. शहीद जसविंदर सिंह के पिता भी फौज से कैप्टन रिटायर हुए थे. 2 महीने पहले कोरोना से उनकी हो मौत हो गई थी. सुरनकोट के गांव देहरा दी गली में शहीद गज्जन सिंह पुत्र चरण सिंह सेना की 23 सिख रेजीमेंट में 6 साल पहले भर्ती हुए थे. 28 साल के गज्जन सिंह की फरवरी में शादी हुई थी और कल 13 अक्टूबर को वह 10 दिन की छुट्टी पर घर आने वाले थे.