योगी सरकार ने संवेदनशील जिलों में क्यों बढ़ाई फोर्स? जानिए पूरा मामला
त्योहारों में शांति-व्यवस्था बनाए रखने और किसान आंदोलन के मद्देनजर संवेदनशील जिलों में फोर्स बढ़ाई जा रही है। जोन व रेंज स्तर से पुलिस बल का प्रबंध किए जाने के साथ ही डीजीपी मुख्यालय के स्तर से भी आवश्यक पुलिस बल का आवंटन किया जा रहा है। इस बीच वरिष्ठ पुलिस अफसरों ने आवंटित जिलों में पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है। हाइवे पर कई जगह चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं। अरदास के प्रस्तावित कार्यक्रमों को देखते हुए गुरुद्वारों पर भी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
शासन के निर्देश पर पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करते हुए सेक्टर व्यवस्था लागू कर दी गई है। किसान संगठनों द्वारा घोषित कार्यक्रमों को देखते हुए नवरात्रि एवं दुर्गा पूजा के दौरान हर हाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर शासन का जोर है। इसके लिए प्रदेश के 14 में से 13 संवेदनशील जिलों में 20 वरिष्ठ पुलिस अफसरों की तैनाती रविवार को ही कर दी गई थी। इनमें लखीमपुर खीरी, बरेली, मेरठ, बहराइच, गाजियाबाद, शामली, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बिजनौर व रामपुर जिला शामिल हैं। बागपत के लिए भी किसी वरिष्ठ पुलिस अफसर की तैनाती करने की तैयारी चल रही है। लखीमपुर खीरी जिले में डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल समेत 10 राजपत्रित पुलिस अधिकारी तीन अक्तूबर से ही तैनात हैं। इन अफसरों में दो एसपी रैंक के आईपीएस, चार एएसपी रैंक के पीपीएस तथा तीन डीएसपी रैंक के पीपीएस शामिल हैं।
गृह विभाग ने लेखपाल, बीट कांस्टेबल, थानाध्यक्ष, एसडीएम व सीओ के अलावा डीएम व एसपी तक को किसानों से संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया है। शासन ने कहा है कि कहीं भी भीड़ इकट्ठा न हो और जो भी संवेदनशील स्थान हैं, वहां पर्याप्त सुरक्षा बल लगाया जाए। जिन जिलों से लगे अन्य प्रदेश के बार्डर हैं, वहां निकटवर्ती जिले के डीएम व एसपी से वार्ता कर कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह जिन जिलों से लोगों का इकट्ठा होना संभावित है, वहां से संबंधित मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था एवं बैरियर स्थापित करने को कहा गया है। गृह विभाग और डीजीपी मुख्यालय के कंट्रोल रूम से भी नजर रखी जा रही है।