तेजस्वी-मीसा पर पांच करोड़ लेकर टिकट नहीं देने के मामले में आयकर की होगी एंट्री,
केस करने वाले वकील का बयान दर्ज
तेजस्वी-मीसा समेत छह नेताओं पर धोखाधड़ी का केस करने वाले वकील संजीव कुमार सिंह कोतवाली थाने पहुंचे और अपना बयान दर्ज करवाया। इस पूछताछ के दौरान डीएसपी विधि व्यवस्था और कोतवाली थानेदार सुनील कुमार सिंह मौजूद रहे।
पांच करोड़ लेकर टिकट नहीं देने के आरोप में तेजस्वी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती समेत छह लोगों के खिलाफ 22 सितंबर को केस दर्ज किया गया था। तेजस्वी-मीसा के साथ ही कांग्रेस के विधायक मदनमोहन झा, कांग्रेसी नेता व पूर्व विधायक सदानंद सिह, कांग्रेसी नेता शुभानंद मुकेश और कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर पर कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया है। हालांकि एक आरोपी सदानंद सिंह की मौत हो चुकी है। उनके बेटे शुभानंद पर भी संजीव ने केस दर्ज कराया है।
करीब डेढ़ घंटे तक बयान दर्ज करने की प्रकिया में पुलिस ने संजीव से कई सवाल पूछे। पुलिस अधिकारियों ने संजीव से पांच करोड़ रुपये के बाबत जानकारी मांगी। इस पर संजीव ने कहा कि वे पुलिस को सबूत देंगे। दर्ज बयान और साक्ष्यों के आधार पर इस मामले का सुपरविजन होगा। उसके बाद ही कार्रवाई की जायेगी। केस दर्ज कराने के बाद पहली बार संजीव पुलिस के सामने आये। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पांच करोड़ रुपये के लेन-देन के सबूत मिलने के बाद आयकर विभाग से भी इस मामले में मदद ली जायेगी। इसके बाद आयकर विभाग इस पहलू पर जांच करेगा कि रुपये का ट्रांजेक्शन सही तरीके से हुआ या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के नेता संजीव कुमार सिंह ने राजद नेता व कांग्रेसी नेताओं पर रुपये लेकर लोकसभा के दो टिकट नही देने और ठगी करने का आरोप लगाते हुए 18 अगस्त को पटना सीजेएम कोर्ट में परिवाद मुकदमा दायर किया था। पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विजय किशोर सिंह ने मामले की सुनवाई की और 16 सितंबर को पटना के एसएसपी के जरिए कोतवाली थानाध्यक्ष को केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
दो टिकट मांगा, पांच करोड़ देने का आरोप
इस परिवाद में आरोप था कि तेजस्वी-मीसा समेत कांग्रेसी नेताओं ने भागलपुर से लोकसभा का टिकट देने के बदले में 15 जनवरी 2019 को पांच करोड़ रुपये लिए लेकिन टिकट नहीं दिया। वहां से शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को टिकट दे दिया गया। आरोप है कि जब संजीव ने तेजस्वी और उनके पीए से संपर्क साधा तो उन्होंने विधानसभा के दो टिकट गोपालपुर से उनके भाई राजीव कुमार सिंह और रुपौली से संजीव सिंह को देने की बात कही। लेकिन अंत तक टिकट नहीं दिया। जब इस मामले में तेजस्वी से संपर्क किया तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी।