लखीमपुर खीरी जा रहे नवजोत सिद्धू को सहारनपुर में रोका गया

नवजोत सिंह सिद्धू के काफिले को सहारनपुर में रोक दिया गया है. वह अपने काफिले को लेकर लखीमपुर खीरी जा रहे थे. हालांकि, पंजाब कांग्रेस के वर्कर्स बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, भारी तादाद में पुलिसबल की तैनाती की गई है. काफिले को यूपी-हरियाणा के बॉर्डर रोका गया है. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ काफिले में कांग्रेस के कई नेता मौजूद है. इसमें पंजाब कैबिनेट के मंत्री विजेन्द्र सिंगला भी शामिल हैं और वे नारे लगा रहे हैं. पुलिस को तैनात किया गया है ताकि बैरिकेड्स न तोड़े जाएं.

इसके पीछे करीब तीन किलोमीटर तक पंजाब कांग्रेस वर्कर्स की गाड़ियां की लाइन वहां पर लगी हुई है. गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में भारी हिंसा हुई थी. कथित तौर पर इस दौरान किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. इस घटना में कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी.

गौरतलब है कि नवजोत सिद्धू ने पिछले दिनों कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उसे पार्टी ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. इससे पहले, सिद्धू ने मंगलवार को भी चेतावनी दी थी कि यदि किसानों की हत्या के सिलसिले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो कांग्रेस की पंजाब इकाई उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के लिए कूच करेगी.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लेने को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस पर बुधवार को हमला बोलते हुए सिद्धू ने पुलिस पर संविधान की भावनाओं का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया.

सिद्धू ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘ 54 घंटे हो चुके हैं…..प्रियंका गांधी जी को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया गया… गैरकानूनी तरीके से 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखना मौलिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है. भाजपा और उत्तर प्रदेश पुलिस … आप संविधान की भावना का हनन कर रहे हैं, हमारे बुनियादी मानवाधिकारों को ठेस पहुंचा रहे हैं.’’

गौरतलब है कि पिछले रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को किसानों द्वारा काले झंडे दिखाए जाने के मामले में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. प्रियंका गांधी सोमवार तड़के पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र हुड्डा तथा कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत कुछ नेताओं के साथ मृतक किसानों के परिजन से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जा रही थीं, लेकिन उन्हें रास्ते में सीतापुर जिले में हिरासत में ले लिया गया था.

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