आज का इतिहास:भारत में किस अपराध के लिए क्या सजा मिलेगी इसके लिए 161 साल पहले IPC को मिली मंजूरी,
159 साल पहले लागू हुआ कानून आज भी जारी
भारतीय दंड विधान यानी इंडियन पीनल कोड 1860 में 6 अक्टूबर को पारित हुआ था। उसे एक जनवरी 1862 से लागू किया गया था। हत्या से लेकर रेप तक और चोरी से लेकर मानहानि तक हर अपराध की सजा क्या होगी, इसमें ही तय किया गया है।
1837 में थॉमस मैकाले की अध्यक्षता में पहले लॉ कमीशन ने इंडियन पीनल कोड का ड्राफ्ट बनाना शुरू किया था। 1850 में ड्राफ्टिंग का काम पूरा हुआ और 1856 में इसे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सामने पेश किया गया। बार्न्स पीकॉक ने ड्राफ्ट में आवश्यक सुधार किए। पीकॉक बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस भी बने। उस समय आईपीसी को बनाने वालों के दिमाग में कहीं न कहीं गुलाम और आका वाली मानसिकता थी।
लॉ कमीशन के अध्यक्ष थॉमस मैकाले।
इस वजह से राजद्रोह जैसे कई सेक्शन आज भी विवादित हैं। 1860 के बाद से आईपीसी के कई सेक्शन बदले जा चुके हैं। कई बार संशोधन हुए, दहेज हत्या से लेकर कई अपराध जुड़े और कई अपराध हटे भी। इसे भारतीय कानूनों में सबसे ज्यादा डायनामिक भी कहा जा सकता है, जिसके कई सेक्शन अदालतों के दखल के बाद भी हटाए गए। वर्तमान में आईपीसी में 23 चैप्टर हैं, जो कुल 511 खंड में बांटे गए हैं।
1951: रूस ने किया परमाणु हथियारों की होड़ का ऐलान
अमेरिका ने 1945 में जापान पर परमाणु हमला किया तो सोवियत संघ यानी आज का रूस बेचैन हो गया। उसने 6 अक्टूबर 1951 को परमाणु हथियारों की होड़ में शामिल होने का ऐलान कर दिया। सोवियत संघ के प्रमुख अखबार ‘प्रावदा’ में जोसेफ स्टालिन का इंटरव्यू छपा था, जिससे लोगों को पहली बार पता चला कि 1949 में परमाणु बम टेस्ट करने के बाद सोवियत संघ ने भी परमाणु बम बना लिया है।
दरअसल, परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से अमेरिका बहुत ही ज्यादा ताकतवर हो गया था। सोवियत संघ को लगा कि परमाणु हथियारों की बात उससे छुपाई गई। इससे पश्चिमी देशों और सोवियत संघ में अविश्वास पैदा हुआ और शीत युद्ध की शुरुआत हुई। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक रूस के पास 6,500 से अधिक परमाणु हथियार हैं।
जोसेफ स्टालिन ने लगातार 29 साल तक सोवियत संघ पर शासन किया था।
सोवियत संघ के ऐलान के बाद ब्रिटेन ने 3 अक्टूबर 1952 को पहली बार परमाणु बम बनाने का दावा किया। फिर चीन, इजराइल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी होड़ में शामिल हो गए। लीबिया और ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी संदेह के घेरे में है।
2007: जैसन लुईस ने दुनिया का चक्कर पूरा किया
अंग्रेज जैसन लुईस ने 12 जुलाई 1994 में एक्स्पीडिशन 360 नाम से ग्रीनविच, लंदन से दुनिया का चक्कर लगाने का अभियान शुरू किया था। 46,000 मील की इस यात्रा में 4,833 दिन लगे। इस दौरान उन्होंने ह्यूमन-पॉवर से चलने वाले परिवहन साधनों का ही इस्तेमाल किया, जैसे- साइकिल, रोलर ब्लेड्स और पैडल से चलने वाली बोट। आज ही के दिन 2007 में जैसन को दुनिया का चक्कर लगाने में कामयाबी मिली।

अपने अभियान के दौरान जैसन लुईस।
6 अक्टूबर के दिन को इतिहास में इन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…
2007: परवेज मुशर्रफ चुनाव में एकतरफा जीत के साथ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने।
2006: संयुक्त राष्ट्र ने लेबनान में शांति रक्षकों को बल प्रयोग का अधिकार दिया।
2004: नेपाल के नरेश ज्ञानेन्द्र वीर विक्रम शाह देव ने सत्ता नहीं संभालने की घोषणा की।
1995: दो स्विस वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सौर व्यवस्था के बाहर के ग्रह की पहली बार पहचान की।
1987: फिजी एक गणराज्य घोषित हुआ।
1983: पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
1981: मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादत की इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हत्या कर दी।
1980: गुयाना ने संविधान को अंगीकार किया।
1973: इजराइल पर मिस्र और सीरिया की फौजों ने दो-तरफा हमला शुरू किया।
1972: मैक्सिको में ट्रेन पटरी से उतरी, 208 लोगों की मौत।
1957: सोवियत संघ ने नोवाया त्रेमल्या में परमाणु परीक्षण किया।
1927ः डायलॉग और बैकग्राउंड म्यूजिक से सजी पहली फीचर फिल्म ‘द जैज सिंगर’ रिलीज हुई।
1893: मैथमेटिक्स और फिजिक्स में महत्वपूर्ण कार्य करने वाले भारतीय वैज्ञानिक मेघनाथ साहा का जन्म।
1762: ब्रिटिश सैनिकों ने फिलीपींस के मनीला पर कब्जा किया।
1499: फ्रांस के राजा लुईस ने मिलान पर कब्जा किया।