आज का इतिहास:मुगलों के छक्के छुड़ाने वाली रानी का आज हुआ था जन्म,
युद्ध में गंभीर रूप से घायल होने पर अपने सीने में खुद ही उतार ली थी तलवार
आज वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती है। उत्तर प्रदेश के बांदा में 5 अक्टूबर 1524 को दुर्गावती का जन्म हुआ था। उनके पिता कीरत राय चंदेल वंश के शासक थे। दुर्गावती को बचपन से ही तीरंदाजी, तलवारबाजी और घुड़सवारी का शौक था। वे बचपन में पिता के साथ जंगलों में शिकार करने जाया करती थीं। 1542 में 18 साल की उम्र में उनकी शादी दलपत शाह से कर दी गई।
कुछ साल बाद रानी ने एक बेटे को जन्म दिया जिसका नाम वीर नारायण रखा गया। बेटा 5 साल का हुआ ही था कि उनके पति दलपत शाह का निधन हो गया। रानी ने अपने बेटे को गद्दी पर बैठाया और गोंडवाना राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले ली।
उन्होंने अपने राज्य की राजधानी को चौरागढ़ से सिंगौरगढ़ स्थानांतरित किया, सेना में बड़े बदलाव किए और एक सुसज्जित सेना तैयार की। कई मंदिरों, धर्मशालाओं और तालाबों का निर्माण कराया। 1556 में मालवा के सुल्तान बाज बहादुर ने गोंडवाना पर हमला बोल दिया, लेकिन रानी दुर्गावती के साहस के सामने वह बुरी तरह से पराजित हुआ।
1562 में अकबर ने मालवा को मुगल साम्राज्य में मिला लिया और रीवा पर आसफ खान का कब्जा हो गया। मालवा और रीवा, दोनों की ही सीमाएं गोंडवाना को छूती थीं, इसलिए मुगलों ने गोंडवाना को भी अपने साम्राज्य में मिलाने की कोशिश की।
1988 में भारत सरकार ने रानी दुर्गावती के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था।
आसफ खान ने गोंडवाना पर हमला किया, लेकिन इस हमले में रानी की जीत हुई। 1564 में आसफ खान ने फिर हमला बोला। रानी अपने हाथी पर सवार होकर युद्ध के लिए निकलीं। उनका बेटा वीर नारायण भी उनके साथ था।
युद्ध में रानी को शरीर में कई तीर लगे और वो गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें लगने लगा कि अब जिंदा रहना मुश्किल है। तब उन्होंने अपने एक सैनिक से कहा कि वो उन्हें मार दे, लेकिन सैनिक ने ऐसा करने से मना कर दिया। तब रानी ने खुद ही अपनी तलवार सीने में मार ली और शहीद हो गईं। 24 जून यानी उनके शहादत के दिन को ‘बलिदान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।
2011: स्टीव जॉब्स का निधन
आईफोन, आईपॉड, आईपैड और मैक जैसे प्रोडक्ट्स के जरिए दुनियाभर में प्रसिद्धि पाने वाले स्टीव जॉब्स की 5 अक्टूबर 2011 को मौत हो गई थी। मौत की वजह पैन्क्रियाटिक कैंसर थी। उनकी जिंदगी से जुड़ी कई कहानियां ऐसी हैं, जो युवाओं सहित हर एक को प्रेरित करती हैं। उन्होंने 12 जून 2005 को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में जो कहा, उसके प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-
जॉब्स ने कहा- मुझे कॉलेज से निकाला गया था। दरअसल, मेरी मां कॉलेज स्टूडेंट थी और उनकी शादी भी नहीं हुई थी। मेरे जन्म से पहले ही मां ने तय कर लिया था कि मुझे एक ग्रेजुएट दंपती को गोद देंगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मेरी मां शुरू में गोद देने के खिलाफ थी, लेकिन बाद में राजी हो गईं। शर्त यह थी कि मुझे कॉलेज में भेजा जाएगा, लेकिन मैंने कॉलेज से ड्रॉप ले लिया। आज पीछे देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरा निर्णय सही था।
उन्होंने कहा- मैं लकी रहा कि जो करना चाहता था, वह सब मैं कर सका। गैरेज में एपल शुरू किया, तो उस समय मैं सिर्फ 20 साल का था। 10 साल में एपल ऊंचाई पर था। दो लोगों से शुरू हुई कंपनी दो बिलियन लोगों तक पहुंची और 4000 कर्मचारी थे। हमने मेकिंटोश लॉन्च किया। भविष्य को लेकर हमारा विजन फेल हो गया था। 30 साल की उम्र में मुझे कंपनी से निकाल दिया गया था। जॉब्स कहते थे कि उन्होंने 17 साल की उम्र में एक कोटेशन पढ़ा था- आप हर दिन यह सोचकर जियो कि आज आखिरी दिन है। इसने उन्हें खूब प्रभावित किया। 33 साल तक वे रोज सुबह आईने में चेहरा देखते और सोचते कि आज आखिरी दिन है। इसने मुझे वह करने को प्रेरित किया, जो मुझे करना था।
लंदन के एक एपल स्टोर में स्टीव जॉब्स को श्रद्धांजलि देते लोग।
5 अक्टूबर के दिन को इतिहास में इन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से भी याद किया जाता है…
1989ः तिब्बत के 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
1988ः ब्राजील की संविधान सभा ने संविधान को मंजूरी दी।
1944: फ्रांस में महिलाओं को मताधिकार मिला।
1915: बुल्गारिया ने प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लिया।
1910ः पुर्तगाल में राजशाही खत्म हो गई और गणतंत्र की स्थापना हुई।
1880: अलोंजो टी क्रॉस ने पहले बॉल पॉइंट पेन का पेटेंट कराया।
1796ः स्पेन ने इंग्लैंड के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1793: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान फ्रांस में ईसाई धर्म विस्थापित हुआ।
1789ः फ्रांस की क्रांति के दौरान पेरिस की महिलाओं ने वर्साय तक मार्च किया।
1676: ईस्ट इंडिया कंपनी को इंग्लैंड के राजा से मुंबई में भारतीय मुद्रा ढालने का अधिकार मिला।