रूस भाग गए परमबीर सिंह! मुद्दे पर आमने-सामने आई कांग्रेस-BJP, कहा- ‘आकाओं’ का काम
मुंबई. मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के रूस भाग जाने की चर्चाओं के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) जुबानी जंग में उलझती नजर आ रही हैं. दोनों पार्टियों के नेता आरोप लगा रहे हैं कि ‘आकाओं’ ने सिंह को विदेश भागने में मदद की है. दरअसल, कई मामलों में सिंह से पूछताछ होनी है. इसके अलावा हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ एक खुली जांच शुरू करने की भी मंजूरी दे दी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि जांच की आंच से बचने के लिए वे रूस भाग गए हैं.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने सिंह के नाम पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंन कहा, ‘जब सचिन वाजे वाला मामला हुआ, तो मैंने कहा था कि अगर मैं सरकार में होता तो सबसे पहले परमबीर सिंह को गिरफ्तार करता. इसका मतलब है कि केंद्र ने इस IPS का इस्तेमाल राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए किया और अब इसलिए ही उन्होंने परमबीर सिंह की विदेश बचकर भागने में मदद की.’
भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने भी इसका जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘जब परमबीर सिंह ने पत्र लिखा और 100 करोड़ रुपये की जबरन वसूली के आरोपों को सामने लाए, तब झगड़ा शुरू हुआ. तो परमबीर सिंह अपने राजनीतिक आकाओं का नाम न लें, क्या उन्हें राजनीतिक आकाओं की तरफ से विदेश भेजा गया है?’ हाल ही में महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा था कि सरकार सिंह को खोज रही है और उनके खिलाफ लुक आउट सर्कलर जारी कर दिया है.
सिंह के रूस भागने की खबर पर पाटिल ने कहा, ‘केंद्रीय गृहमंत्रालय के साथ-साथ हम भी उनके ठिकानों को तलाश रहे हैं. मैंने ऐसा कुछ सुना है, लेकिन एक सरकारी अधिकारी होने के चलते, वह सरकार की मंजूरी के बगैर विदेश नहीं जा सकते.’ उन्होंने जानकारी दी, ‘हमने लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है और अगर वह चले गए हैं, तो यह अच्छा नहीं है.’
राज्य के गृहमंत्री ने कहा, ‘चाहे मंत्री, अधिकारी या मुख्यमंत्री हो, कुछ सीमाएं और भारत सरकार की इजाजत के बगैर कोई भी देश से बाहर नहीं जा सकता है. कोई भी इन सीमाओं को नहीं तोड़ सकता है. क्या कार्रवाई होगी, इसपर केंद्र के साथ चर्चा की जानी है. महाराष्ट्र सरकार उनकी तलाश कर रही है और एक बार उनके मिलने पर हम यह तय करेंगे.’
मुंबई में बरामद हुए विस्फोटक के मामले में निलंबित पुलिस इंस्पेक्टर सचिव वाजे का नाम सामने आने के बाद सिंह का तबादला मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से होम गार्ड विभाग में कर दिया गया था. हालांकि, NIA की चार्जशीट में सिंह का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था, लेकिन कई खुलासों के बाद पूर्व पुलिस अधिकारी के लिए हालात मुश्किल हो गए थे. उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भी भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के लिए कहने के गंभीर आरोप लगाए थे.